धार (मप्र)। जिले के निसरपुर के चिखल्दा में सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितों द्वारा आमरण अनशन के साथ सत्याग्रह लगातार छठे दिन भी जारी रहा। इस दौरान अनशन पर बैठी नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उनके परीक्षण के लिए बड़वानी से डॉक्टरों की टीम पहुंची और स्वास्थ्य पड़ताल की। पाटकर का ब्लड प्रेशर कम ज्यादा हो रहा था। लगातार भूखे-प्यासे रहने से भी उन्हें बोलने में काफी परेशानी हो रही है। हालांकि इन सब के बीच उनके इरादे कमजोर पड़ते नजर नहीं आ रहे हैं। मेधा पाटकर ने कहा कि डूब प्रभावितों के संपूर्ण पुनर्वास होने तक उनका ये आंदोलन जारी रहेगा।
600 कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर वाला पत्र लिखा
राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 600 से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं की हस्ताक्षर के साथ समर्थकों ने मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश और नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण को डूब प्रभावितों की मांगों को लेकर पत्र लिखे। धरना स्थल पर महाराष्ट्र के कई समर्थक पहुंचे। भूतपूर्व विधायक एवं संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता डॉ. सुनीलम के नेतृत्व में आयुक्त, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण एवं नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण से मिलकर उन्हें ज्ञापन दिया एवं प्रभावितों की न्यायपूर्ण मांगों पर सुनवाई कर उनका निराकरण करने की मांग की।
ये हैं प्रमुख मांगें
नर्मदा बचाओ आंदोलन लंबे समय से विस्थापितों को लेकर आंदोलन की राह पर हैं। ऐसे में पिछले तीन दशक से भी ज्यादा समय से नर्मदा बचाओ आंदोलन अपनी इन अहम मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
- डूब प्रभावितों का पूर्ण पुनर्वास
- भूमिहीनों को भूमि का आवंटन
- बेरोजगारों को रोजगार
- युवाओं को शिक्षा
- प्रभावित क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं
One Comment