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जो वोट डाल सकता है, वह शराब भी पी सकता है, दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में दलील दी

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में शराब पीने की कानूनी उम्र कम करने के फैसले का बचाव किया है। केजरीवाल सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि जब 18 साल से ऊपर के लोग वोट डाल सकते हैं तो शराब क्यों नहीं पी सकते। सरकार ने कोर्ट में ये भी कहा कि शराब पीने की कानूनी उम्र कम करने के फैसले का शराब पीकर गाड़ी चलाने के अपराध से कोई लेना-देना नहीं है।

दरअसल कम्युनिटी अगेस्ट ड्रंकन ड्राइविंग की ओर से एक जनहित याचिका दायर दायर की गई थी। इसलिए सरकार ने शराब पीकर गाड़ी चलाने का हवाला देते हुए जवाब दिया है। याचिका में आशंका जताई गई है कि शराब पीने की उम्र 25 से 21 करने से शराब पीकर गाड़ी चलाने के और मामले सामने आ सकते हैं।

मजबूत तंत्र बनाने की मांग
याचिका में सरकार से पहचान पत्र के साथ शराब परोसने वाली शराब की दुकानों, बार और रेस्तरां में अनिवार्य आयु जांच के लिए मजबूत तंत्र स्थापित करने की मांग की गई है। इसके अलावा दिल्ली सरकार को नई आबाकारी नीति 2021-22, शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 साल को तब लागू करने से रोकने की मांग की गई है जब तक मजबूत आयु तंत्र लागू नहीं हो जाता। सरकार का पक्ष रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और राहुल मेहरा ने दलील दी कि किसी बहाने से इस नीति को रोकने की कोशिश की जा रही है।

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