नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार और फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के. कविता की मंगलवार को तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ED ने कथित दिल्ली आबकारी नीति ‘घोटाले’ से जुड़े धनशोधन के मामले में कविता को इस साल 15 मार्च को गिरफ्तार किया था। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने के. कविता की न्यायिक हिरासत 18 जुलाई तक बढ़ाई है।
तेज बुखार की शिकायत
तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने बताया, बीआरएस नेता को तेज बुखार की शिकायत पर अस्पताल ले जाया गया है, जहां डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। के. कविता तेलंगाना के पूर्व सीएम चंद्रशेखर राव की बेटी हैं। दिल्ली आबकारी नीति मामले में के. कविता जेल संख्या-6 में बंद हैं।
‘साउथ ग्रुप‘ से जुड़ी होने का आरोप
दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में एक आरोपी अमित अरोड़ा ने पूछताछ के दौरान कविता का नाम लिया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि ‘साउथ ग्रुप’ नाम की एक शराब लॉबी थी, ईडी ने दावा किया था कि कविता शराब कारोबारियों की लॉबी ‘साउथ ग्रुप’ से जुड़ी हुई थी। उन्होंने अन्य कारोबारियों के जरिए दिल्ली में AAP सरकार के नेताओं को 100 करोड़ रुपए का भुगतान किया।
क्या है पूरा मामला ?
दिल्ली में केजरीवाल की सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। नई शराब नीति लागू करने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और शराब की पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई। नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार का रेवेन्यू में बढ़ेगा। नई नीति से रेवेन्यू में 1500-2000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई थी।
नई पॉलिसी में कहा गया था कि दिल्ली में शराब की कुल दुकानें पहले की तरह 850 ही रहेंगी। हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही। जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी। मामले में सीबीआई को जांच ट्रांसफर दी गई। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एंगल आने पर इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हो गई। उसके बाद से AAP के कई सीनियर नेता और उनके करीबी सहयोगी जांच एजेंसी के निशाने पर आ गए।
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