
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 4,089 वोटों से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस जीत के साथ भाजपा ने कुल 48 सीटों पर विजय हासिल की, जबकि आम आदमी पार्टी मात्र 22 सीटों तक सिमट गई। यह 2020 के चुनाव परिणामों से आधे से भी कम है।
इस चुनावी जीत के बाद दिल्ली के सियासी गलियारों में प्रवेश वर्मा को मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, उनकी इस सफलता पर उनके ससुराल मध्य प्रदेश के धार में जश्न का माहौल बना हुआ है।
कौन हैं प्रवेश वर्मा
प्रवेश साहिब सिंह वर्मा भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता हैं और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। उनका जन्म 7 नवंबर 1977 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम से प्राप्त की और फिर किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में एमबीए किया।
प्रवेश वर्मा ने 2013 में महरौली विधानसभा क्षेत्र से अपना पहला चुनाव लड़ा और कांग्रेस नेता योगानंद शास्त्री को हराकर राजनीति में कदम रखा। इसके बाद, 2014 और 2019 में वे पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा सांसद चुने गए। अब 2025 में नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल को हराकर उन्होंने दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर किया है।
धार में जश्न का माहौल, ससुराल पक्ष में खुशी की लहर
प्रवेश वर्मा की जीत के बाद मध्य प्रदेश के धार जिले में उनके ससुराल में जश्न का माहौल बना हुआ है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा और धार की वर्तमान विधायक नीना वर्मा प्रवेश वर्मा के ससुराल पक्ष से आते हैं। परिवार के लिए यह गर्व का क्षण है कि उनके दामाद ने दिल्ली की सबसे प्रतिष्ठित सीट पर जीत दर्ज की है।
चुनाव प्रचार में परिवार की अहम भूमिका
दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान प्रवेश वर्मा को उनके ससुराल पक्ष का भी पूरा समर्थन मिला। उनके ससुर विक्रम वर्मा और सास नीना वर्मा ने दिल्ली में रहकर प्रचार अभियान को मजबूती दी। नीना वर्मा जब भी धार से चुनाव लड़ती हैं, पूरा परिवार उनके प्रचार में सक्रिय रहता है। इसी तरह, इस बार उन्होंने प्रवेश वर्मा की जीत के लिए दिल्ली में चुनाव प्रचार किया।
विक्रम वर्मा हर साल 23 जनवरी को धार में अपने जन्मदिन पर बड़े स्तर पर आयोजन करते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने दिल्ली में रहकर चुनाव प्रचार को प्राथमिकता दी। उनकी मेहनत रंग लाई और प्रवेश वर्मा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
भाजपा ने खत्म किया जीत का सूखा
2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 सीटें जीतकर आप को भारी नुकसान पहुंचाया। 2020 में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार यह संख्या घटकर 22 रह गई। अरविंद केजरीवाल की हार के साथ ही आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता को बड़ा झटका लगा है।
इस जीत के साथ भाजपा दिल्ली में अपनी पकड़ मजबूत कर चुकी है और अब प्रवेश वर्मा का नाम मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदारों में जोड़ा जा रहा है।
प्रवेश वर्मा की इस जीत के बाद सियासी गलियारों में दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के रूप में उनका नाम चर्चा में है। भाजपा में कई अन्य दावेदार भी हैं, लेकिन नई दिल्ली सीट से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हराने के बाद उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। अब देखना होगा कि भाजपा नेतृत्व दिल्ली की कमान किसके हाथों में सौंपता है, लेकिन यह तय है कि प्रवेश वर्मा अब दिल्ली की राजनीति के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक बन गए हैं।
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