ग्वालियरमध्य प्रदेश

आदिवासी युवक की हार्ट अटैक से मौत, अस्पताल प्रबंधन बोला- पैसा दो, तब ले जाना शव

एमएम हॉस्पिटल पर परिजन ने लगाए आरोप, अस्पताल प्रबंधन ने भी स्वीकारा- मांगी थी उधारी

शिवपुरी। जिला मुख्यालय पर रविवार सुबह एक आदिवासी युवक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के पैसे देने के लिए शव देने से रोक दिया। करीब 3 घंटे तक परिजन परेशान होते रहे। परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। मामले में अस्पताल प्रबंधन ने भी स्वीकार किया है कि उन्होंने दवा और ऑक्सीजन की राशि मांगी थी।

जानकारी के अनुसार, रविवार सुबह पीएसक्यू लाइन निवासी केदार आदिवासी (32 साल) के सीने में दर्द हुआ तो परिवार वाले उसे इलाज के लिए एमएम हॉस्पिटल लेकर आए। बहन उर्मिला का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने इलाज में लापरवाही बरती, जिससे उसके भाई की मौत हुई है। इसके बाद पैसे की मांग करते हुए उसके मृत भाई को ऑक्सीजन लगाने लगे।

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ऑक्सीन और दवा के पैसे मांगे थे: प्रबंधन

दूसरी ओर पैसों की मांग करते रहे। परिजन के अनुसार, अस्पताल प्रबंधन ने लाश ले जाने से पहले पैसे चुकाने की बात कही। इस मामले में जब हॉस्पिटल संचालक डॉ. आरपी सिंह से बात की गई तो उन्होंने भी दवा और ऑक्सीजन के पैसे मांगने की बात स्वीकार की। करीब तीन घंटे शव अस्पताल में ही रखा रहा। अस्पताल में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस तैनात की गई थी।

पीएम करवा कर मामला जांच में लें

मामले में अस्पताल प्रबंधन ने भी कोतवाली पुलिस को एक आवेदन सौंप दिया। इस आवेदन में मृतक की स्थिति का ब्यौरा देते हुए उसका पीएम करवा कर मामला जांच में लेने का उल्लेख किया है।

तीन घंटे बाद सौंपी लाश

यह घटनाक्रम तीन घंटे तक एमएम हॉस्पिटल पर चलता रहा। बताया जा रहा है कि आखिर में परिजनों व हॉस्पिटल प्रबंधन के बीच बातचीत हुई और हॉस्पिटल प्रबंधन ने केदार का शव उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

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