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पद्म विभूषण से सम्मानित इतिहासकार-लेखक बाबासाहेब पुरंदरे का निधन

पुणे। भारत के जाने-माने इतिहासकार-लेखक और पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित बाबासाहेब पुरंदरे का सोमवार सुबह पुणे के दीनानाथ मंगेशकर मेमोरियल अस्पताल में निधन हो गया। वे 99 साल के थे। वह शनिवार से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। सोमवार को दीनानाथ मंगेशकर मेमोरियल अस्पताल की ओर से उनके निधन की पुष्टि की गई है। बाबासाहेब पुरंदरे को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से भी नवाजा गया था। उनके निधन की खबरों के बाद देशभर में उनके चाहने वालों ने शोक व्यक्त किया है। सुबह 10 से 10.30 बजे के बीच उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

बाबासाहेब ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर लिखी कई किताबें

बाबासाहेब ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर कई किताबें लिखी हैं और अपना जीवन इतिहास और शोध के लिए समर्पित कर दिया है। उन्हें 2019 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण और 2015 में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे को ‘बाबासाहेब’ के नाम से भी जाना जाता है। बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे यानी बाबासाहेब पुरंदरे को महाराष्ट्र में शिवशहर के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि बाबासाहेब ने महान नाटक ‘जनता राजा’ के माध्यम से छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को घर-घर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनका जन्म 29 जुलाई 1922 को हुआ था। बाबासाहेब को एक इतिहासकार के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने न केवल शिवराय(छत्रपति) का इतिहास लिखा। बल्कि पेशवाओं के इतिहास को भी दुनिया के सामने रखा।

प्रधानमंत्री मोदी ने शोक व्यक्त किया

बाबा पुरंदरे के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा शिवशहर बाबासाहेब पुरंदरे अपने व्यापक कार्यों के कारण जीवित रहेंगे। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।

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