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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में हुई सांस्कृतिक संध्या, कविताओं और गीतों से सजी शाम

भोपाल। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के भोपाल स्थित ज्ञानार्जन और विकास संस्थान मुख्यालय में मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमडीपी) में “स्पंदन” एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया। इसमें नव चयनित प्रशिक्षु अधिकारी शामिल हुए। इस रंगारंग कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लेखिका डॉ. इंदिरा दांगी, विशिष्ट अतिथि जाने-माने कवि मनीष बादल और अध्यक्ष संस्थान के निदेशक संजय कुमार रहे। प्रशिक्षु अधिकारियों की प्रस्तुतियों के अलावा मुख्य एवं विशिष्ट अतिथि के संवाद और रचनाओं ने श्रोताओं की जमकर तालियां बटोरी।

अपने अनुभव भी किए साझा

डॉ. इंदिरा दांगी ने अपने अनुभव प्रशिक्षु अधिकारियों से साझा करते हुए कहा कि नौकरी में मन न लगे तो कार लोन ले लीजिए और तब भी मन न लगे तो होम लोन ले लीजिए; फिर आप अच्छे से नौकरी कर सकते हैं। लेकिन हां, नौकरी में काम के घंटे देना, अपने आप को नहीं दे देना। जीविका और जीवन में अंतर बनाकर चलना। जीविका कब जीवन बन जाती है, पता ही नहीं चलता नौकरी करने वाले को।

गजलों के जरिए सुरों की बारिश

कवि मनीष बादल ने स्वरचित दोहे और गजलों के जरिए अपनी बात कही। इस दौरान निदेशक संजय कुमार ने अपनी कविता “तुम्हे कभी पाया नहीं था, पर तुम्हे खोने का डर मुझे सोने नहीं देता” ने कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए। मंच का संचालन प्रशिक्षु अधिकारी अमन पोपली ने किया।

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