नई दिल्ली। इसरो ने एक और कमाल कर दिखाया है। अंतरिक्ष में जीवन तलाश रहे वैज्ञानिकों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अंतरिक्ष में लोबिया के बीजों को अंकुरित किया गया है। लोबिया की इन बीजों को स्पेड के साथ 30 दिसंबर को PSLV C 60 रॉकेट से भेजा गया था। इस प्रयोग के जरिए वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि अंतरिक्ष में पौधों को किस तरह उगाया जा सकता है, जिसकी मदद लंबे स्पेस ऑपरेशन्स में मिलेगी।
जल्द पत्तियां निकलने की उम्मीद: इसरो ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है। इसरो ने लिखा, स्पेस में जीवन का आरंभ! चार दिन में लोबिया के बीजों में हुआ अंकुरण, पत्तियां जल्द ही निकलने की उम्मीद।
लोबिया को ही क्यों चुना: प्रयोग के लिए लोबिया (काउपी) के बीजों को चुना गया, क्योंकि यह तेजी से अंकुरित होते हैं। इनमें सहनशीलता भी बेहद ज्यादा होती है। यह पोषण महत्व वाला पौधा है। इस प्रयोग को अंतरिक्ष में भोजन उगाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
पालक उगाने की तैयारी में भी इसरो
स्पैडेक्स के साथ रिसर्च और डेवलपमेंट से जुड़े 24 पेलोड भी अंतरिक्ष में भेजे गए। इन पेलोड्स को पृथ्वी से 700 किमी की ऊंचाई पर डॉक किया गया है। इनमें से 14 पेलोड इसरो के और बाकी 10 स्टार्टअप और एकेडमी के हैं। इनमें से एक है- एमिटी प्लांट एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल इन स्पेस (APEMS) पेलोड, जिसे एमिटी यूनिवर्सिटी ने बनाया है। जानकारी के मुताबिक, यह रिसर्च करेगा कि पौधे की कोशिकाएं अंतरिक्ष में कैसे बढ़ती हैं। इस रिसर्च के तहत अंतरिक्ष और पृथ्वी पर एक ही समय में प्रयोग किया जाएगा। पालक की कोशिकाओं को LED लाइट्स और जेल के जरिए सूर्य का प्रकाश और पोषक तत्व जैसी अहम चीजें दी जाएंगी। एक कैमरा पौधे की कोशिका के रंग और वृद्धि को रिकॉर्ड करेगा। अगर कोशिका का रंग बदलता है तो प्रयोग असफल हो जाएगा।
टारगेट की तरफ बढ़ते चेजर ने रिकॉर्ड की सेल्फी
चेजर मॉड्यूल ने अंतरिक्ष में एक इन- ऑर्बिट स्पेस सेल्फी वीडियो रिकॉर्ड किया है। मिशन का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में सटीक डॉकिंग को वेरिफाई करना है और यह वीडियो सबूत है कि मिशन सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस वीडियो को तब रिकॉर्ड किया गया जब चेजर, टारगेट की तरफ बढ़ रहा था। 2 जनवरी को इसकी इंटर सैटेलाइट डिस्टेंस के तहत दूरी 4.8 किमी थी।