Manisha Dhanwani
16 Sep 2025
Manisha Dhanwani
16 Sep 2025
Shivani Gupta
15 Sep 2025
बेतिया। बिहार के बेतिया में ऑनलाइन भीख मांगकर गुजर बसर करने वाले राजू की मौत हो गई। डॉक्टरों के अनुसार राजू की मौत हार्टअटैक से हुई है। राजू खुद को देश का पहला डिजिटल भिखारी मानता था। राजू को अपने स्तर पर डिजिटल इंडिया का हिस्सा बनने पर गर्व था। राजू बिहार के बेतिया रेलवे स्टेशन पर भीख मांगता था। बेतिया के डेली पैसेंजर हों या स्टेशन का चक्कर लगाने वाले लोग सब राजू को पहचानते थे। राजू के गले में लटका डिजिटल क्यूआर कोड उसकी पहचान बन गया था। ये उसकी वो आइडेंडिटी थी, जिसने उन्हें देशभर में मशहूर कर दिया था। गले में लटका, फोन पे, गूगल पे और पेटीएम के ऑप्शन वाला बार क्यूआर कोड, हाथ में टेबलेट। राजू की यही पहचान थी।
राजू बिहार के नेता लालू प्रसाद यादव और पीएम नरेंद्र मोदी का प्रशंसक था। लालू को पापा बोलने वाला राजू मोदी के मन की बात के एपिसोड सुनता था। जब लालू यादव रेल मंत्री थे तो उसके लिए रेलवे कैंटीन से दोनों वक़्त का खाना मिलता था। राजू को मंदबुद्धि होने के कारण कोई नौकरी नहीं देता था। तब उसने भीख मांग कर अपना गुजारा करना शुरू किया। उसका कहना था कि लोगों के पास हर वक्त खुले पैसे नहीं होते हैं, इस कारण मैंने डिजिटल तरीके से पैसा लेना शुरू किया, जिससे कमाई बढ़ गई।