
देश में एक बार फिर कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते 24 घंटों में कोरोना के 18,815 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 38 मरीजों की मौत हो गई, जबकि 15,899 लोग ठीक भी हुए। इसी बीच कोरोना ने एक बार फिर वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है। दरअसल, रिसर्च में पाया गया कि कोरोना वायरस का नया सब वैरिएंट जांच को भी चकमा दे सकता है।
देश में कोरोना पर एक नजर
नए केस: 18,815
कुल मामले: 4,35,85,554
कुल मौतें: 5,25,343
एक्टिव केस: 1,22,335
कुल रिकवरी: 4,29,37,876
क्या है रिकवरी रेट?
देश में अब तक कुल संक्रमितों में से 98.51 फीसदी स्वस्थ हो चुके हैं। दैनिक संक्रमण दर बढ़कर 4.96 फीसदी दर्ज की गई, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 4.09 फीसदी। कोविड मृत्यु दर 1.21 फीसदी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान जारी है। अब तक कुल 1,98,51,77,962 खुराक दी जा चुकी हैं।
RT-PCR और रैपिड एंटीजन किट से हो रही जांच
मौजूदा स्थिति में आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन किट से जांच हो रही है लेकिन नई दिल्ली स्थित आईजीआईबी के शोधार्थियों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि वायरस के नए परिवर्तनों से जांच पर गंभीर असर पड़ सकता है। ये जानकारी लैब में कोविड टेस्ट किट से फ्रीक्वेंसी चेक करने के बाद मिली है।
RT-PCR टेस्ट पर दें जोर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी आधार पर सरकार की विशेषज्ञ समिति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से सिफारिश की है कि वे राज्यों के साथ बैठक में यह समझाने का प्रयास करें कि आरटी-पीसीआर जांच पर ही जोर दिया जाएगा। बता दें कि, देश के अधिकांश राज्य रैपिड एंटीजन किट का इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि नए सब वैरिएंट बीए.4, बीए.5 और बीए.2.75 जांच के पैरामीटर को प्रभावित कर सकते हैं।
बढ़ जाएगी चौथी लहर आने की संभावना
एक रिपोर्ट के मुताबिक RT-PCR के जरिए संक्रमण की पहचान करना आसान है। देश में 60% सैंपल की जांच इसी तकनीक से करने का नियम है, लेकिन अधिकांश राज्य इसका पालन नहीं कर रहे हैं। जिसकी वजह से देश में कोरोना की चौथी लहर आने की संभावना बढ़ रही है। बताया गया कि देश में अब तक 86.53 करोड़ जांच RT-PCR से की गई है।
ये भी पढ़ें- WHO का अलर्ट! भारत में मिला ओमिक्रॉन का नया सब-वैरिएंट BA.2.75, दुनिया में कोरोना के 30 फीसदी मामले बढ़े
भारत में मिला ओमिक्रॉन का उप स्वरूप
भारत के कुछ राज्यों में ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट का पता चला है, जिसका नाम बीए.2.75 है। यह जानकारी देते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक जनरल टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने सतर्क रहने को भई कहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि यह वैरिएंट भारत में पहली बार सामने आया, उसके बाद यह 10 अन्य देशों में मिला।