पीपुल्स संवाददाता, ग्वालियर। सम्राट मिहिर भोज की जाति को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद खड़ा हो गया है। दोनों वर्ग उन्हें अपना-अपना बताने पर तुले हैं। ग्वालियर के शासक रहने के दौरान मिहिर भोज ने किले के ऊपर तेली का मंदिर का निर्माण कराया था।
विवाद को खत्म करने के लिए कलेक्टर कौशलेन्द्र सिंह ने चार सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसमें एसडीएम अनिल बनवारिया, सीएसपी आत्माराम शर्मा के अलावा जीवाजी विश्वविद्यालय के आर्किलॉजी विभाग के प्रोफेसर एसके द्विवेदी, और केआईजी कॉलेज में इतिहास विभाग के प्रोफेसर संजय स्वर्णकार को शामिल किया है। कमेटी से कहा गया है कि उपरोक्त विषय की प्रमाणिकता के साथ जांच करें और विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
- मिहिर भोज की प्रतिमा की जाति को लेकर खड़े हुए विवाद पर कलेक्टर ने धारा 144 के तहत निम्न प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं।
- यह हैं प्रतिबंधात्मक आदेश :
- मिहिर भोज के नाम पर कोई भी व्यक्ति धरना, प्रदर्शन, जुलूस नहीं निकालेगा।
- कोई भी व्यक्ति हॉकी, डंडा, बंदूक सहित अन्य प्रकार के हथिायर लेकर नहीं चलेंगे।
- किसी भी प्रकार के कटआउट, बैनर, फ्लैक्स लगाने की अनुमति नहीं मिलेगा।
- किसी भी भवन पर आपत्तिजनक नारे नहीं लिखे जाएंगे।
- इसे लेकर सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट नहीं की जाएंगी, ना ही फॉवर्ड की जाएंगी।
सम्राट मिहिर भोज की जाति को लेकर विवाद न भड़के इसके लिए धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। साथ ही चार सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है। -कौशलेंद्र सिंह , कलेक्टर