Shivani Gupta
17 Sep 2025
Shivani Gupta
17 Sep 2025
Peoples Reporter
17 Sep 2025
Shivani Gupta
17 Sep 2025
Mithilesh Yadav
17 Sep 2025
Mithilesh Yadav
17 Sep 2025
भोपाल। लोकसभा चुनाव के बाद अब अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव एक बार फिर कांग्रेस के लिए अग्निपरीक्षा साबित हो रहा है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। अपने ही गढ़ में मिली हार से कांग्रेस अब तक उबर नहीं पा रही। भाजपा ने बूथ और मैदानी स्तर पर चुनावी मोर्चाबंदी कर दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कार्यकाल में यह पहला उपचुनाव है। सीएम सहित प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन के अन्य पदाधिकारियों के दौरे हो चुके हैं। लेकिन पूर्व सीएम कमल नाथ और सांसद रहे उनके बेटे नकुल नाथ की सक्रियता अभी तक नजर नहीं आ रही।
कांग्रेस की विधायकी छोड़कर राज परिवार के कमलेश शाह अब भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस ने यहां के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल आंचल दरबार के सेवादार धीरन शाह को अपना प्रत्याशी घोषित कर मुकाबले को दिलचस्प बनाने की कोशिश की है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के देव रावेन भिलावी भी दम-खम दिखा रहे हैं। अजजा वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर 2023 में कांग्रेस से कमलेश शाह ने ही जीत हासिल की थी। उनके इस्तीफे से उपचुनाव की नौबत आई है।तीन अन्य सीटों पर भी उपचुनाव का ऐलान होना बाकी है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा का दावा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान अमरवाड़ा में भाजपा को 15 हजार से अधिक की बढ़त मिली थी। विस उपचुनाव में भाजपा अपनी जीत के अंतर को इससे ज्यादा ले जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं दो बार क्षेत्र का दौरा कर चुका हूं। मुख्यमंत्री डॉ यादव और संगठन महामंत्री हितानंद भी यहां घूमकर कार्यकतार्ओं को चुनावी जमावट के हिसाब से टिप्स दे चुके हैं। दो दिन बाद प्रदेश अध्यक्ष एक बार फिर चुनाव प्रचार पर निकलेंगे। उल्लेखनीय है कि विस चुनाव 2023 में कांग्रेस ने यह सीट करीब 25 हजार के अंतर से जीती थी लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 15 हजार की बढ़त हासिल कर ली।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में घूम-घूम कर कांग्रेस उपलब्धियां और भाजपा प्रत्याशी की गद्दारी को भुनाने में जुटे हैं। चुनाव प्रचार के लिए अब एक सप्ताह का समय ही शेष है। लेकिन अभी पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अभी तक क्षेत्र का प्रवास कार्यक्रम नहीं बनाया। पार्टी सूत्रों का कहना है कि 2 से 5 जुलाई तक वह क्षेत्र में घूम-घूम कर कांग्रेस के लिए वोट मांगने निकलेंगे। 8 जुलाई को प्रचार थम जाएगा। 10 जुलाई को मतदान होगा।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद बुधनी सीट भी रिक्त हो चुकी है। लेकिन अभी वहां चुनाव कार्यक्रम जारी होना बाकी है। भाजपा और कांग्रेस में टिकट के लिए कई नेता दावेदारी कर रहे हैं लेकिन अब तक दोनों ही दलों ने अपने पत्ते उजागर नहीं किए हैं। बीना से निर्मला सप्रे और विजयपुर विधायक रामनिवास रावत भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। अभी इन दोनों के सदन से इस्तीफा न होने से उपचुनाव की स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है।