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हमीदिया और एम्स में हो रहीं जटिल सर्जरी, किसी का अलग हो चुका हाथ जोड़ा तो किसी का चेहरा बनाया गया

भोपाल। दुघर्टना में अगर कोई अंग क्षतिग्रस्त या शरीर से अलग हो जाए, तो उस अंग को वापस जीवित करना या शरीर से जोड़ने के लिए बड़े लाखों रुपए खर्च करने की जरूरत नहीं है। शहर के सरकारी अस्पतालों में कटे होंठ या टेढ़ी नाक ही नहीं,बल्कि शरीर से अलग हो चुके अंगों को जोड़ना हो या नए अंग को विकसित करने जैसे ऑपरेशन भी होने लगे हैं। शनिवार को वर्ल्ड प्लास्टिक सर्जरी- डे (15 जुलाई) है। हम आपको बता रहे हैं शहर में हुईं कुछ ऐतिहासिक प्लास्टिक सर्जरी, जिनसे मरीजों को नया जीवन मिला है।

सरकारी में नाममात्र का खर्च निजी में 80 हजार से 25 लाख तक

निजी अस्पतालों में प्लास्टिक सर्जरी का खर्च ऑपरेशन की जटिलता के आधार पर तय होता है। इसमें सामान्य नाक, होंठ और भोंह को ठीक करने से लेकर टूटे हुए अंगों को जोड़ना भी शामिल है। निजी अस्पतालों में इसका खर्च कुछ हजार से लेकर 25 लाख रुपए तक हो सकता है। हमीदिया अस्पताल में खर्च नि:शुल्क या नाममात्र का होता है।

हमीदिया में कॉस्मेटिक सर्जरी की भी होगी शुरुआत

हमीदिया के बर्न एंड प्लास्टी विभाग के डेजिग्नेट प्रोफेसर डॉ.आनंद गौतम बताते हैं कि बाल लगवाने से लेकर टेढ़ी नाक, कटे होंठ या चेहरे को सुंदर बनाने के लिए अब दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े सेंटर जाने की जरूरत नहीं है। अब हमीदिया में ही यह अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। कॉस्मेटिक सर्जरी जैसे ब्रेस्ट इंप्लांट, कैंसर के बाद नया बेस्ट बनाने और चेहरे को सुंदर बनाने जैसे जटिल काम भी किए जाते हैं।

कटे हुए अंगों को जोड़ना हो या नए अंगोंं को तैयार करना.. हम अब बड़े शहरों की कर रहे बराबरी

एक महीने में तीन महिलाओं के हाथ और पैर जोड़े

सागर के बंडा निवासी 20 साल की आरती गौर के पति ने फरसे से हमला कर उसके दोनों हाथ काट दिए। फरसा जंग लगा होने से आरती के दोनों हाथोंं में संक्रमण हो गया। हमीदिया में 9 डॉक्टरों की टीम ने 10 घंटे चले ऑपरेशन के बाद दोनों हाथ वापस जोड़ दिए। इस से कुछ दिन भोपाल में पहले पति की क्रूरता की शिकार हुई दो महिलाओं के हाथ और पैर को जोड़ा गया था।

अंगूठे को 21 दिन पेट में रखा फिर हाथ में जोड़ दिया

छह साल के मासूम का हाथ लिफ्ट में फंस गया जिससे उसका अंगूठा कट गया था। हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों ने रीकंसट्रक्टिव सर्जरी कर बच्ची का अंगूठा जोड़ दिया। हालांकि इससे पहले अंगूठे को 21 दिन के लिए पेट से जोड़ा गया है, ताकि खून की आपूर्ति पेट से होने लगे। जब अंगूठा स्वस्थ्य हो गया तब उसे जोड़ा गया।

मरीज अपने साथ कटा हाथ भी लाया, 14 घंटे लगे जोड़ने में

18 साल के विशाल का हाथ प्रिंटिंग मशीन में फंसने से कोहनी से अलग हो गया। मरीज के साथ वह उसके कटे हाथ को भी हमीदिया अस्पताल ले गए। वहां करीब 14 घंटे तक ऑपरेशन कर विशाल का हाथ जोड़ दिया। यह प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण का पहला मामला था।

तेंदुआ खा गया था चेहरा, डॉक्टरों ने नया बनाया

पचमढ़ी के नीमघान जंगल में पुलिया निर्माण कार्य में लगे संजू पर तेंदुए ने हमला कर दिया और उसका चेहरा नोंच लिया था। इससे उसकी आंख और नाक के बीच की हड्डियां टूट कर अलग हो गई थी। ब्लीडिंग के चलते ब्लॉकेज से सांस रुकने का खतरा था। एम्स मेंं डॉक्टरों ने टूटी हड्डियों को छोटी- छोटी प्लेट्स से जोड़ा। नाक को शरीर के मांस से तैयार कर अंदर तक सही किया।

एम्स में प्लास्टिक सर्जरी की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां समय समय पर इस तरह की सर्जरी की जाती है। -केडी शुक्ला, पीआरओ एम्स

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