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प्रदेश के 27 जिलों में धान खरीदी की जांच करेंगे कलेक्टर, अगले सप्ताह देंगे रिपोर्ट

जबलपुर में गड़बड़ी सामने आने के बाद खाद्य विभाग ने दिए निर्देश

भोपाल। जबलपुर जिले में धान खरीदी और भंडारण में हुई गड़बड़ी सामने आने के बाद खाद्य विभाग ने अन्य जिलों में भी इस तरह के गड़बड़ी होने की आशंका जाहिर की है। इस मामले में विभाग ने सभी कलेक्टरों से गैर मान्यता प्राप्त खरीदी केन्द्र गोदाम संचालकों के जरिए की गई खरीदी और अनाधिकृत किसानों से धान की बिक्री और खरीदी के रिकार्डों की जांच-पड़ताल करने के लिए कहा है। विभाग ने यह भी कहा कि अगर कहीं इस तरह के मामले सामने आते हैं तो संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। इसके अलावा जबलपुर धान खरीदी मामले से पूर्व की गई खरीदी पर विस्तार से जांच पड़ताल कर रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है। कलेक्टरों को यह रिपोर्ट अगले सप्ताह देना होगी।

प्रदेश के सतना, सीधी सहित 27 धान उत्पादन वाले जिलों में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है। इस दौरान जिन किसानों से धान खरीदी गई है,राजस्व विभाग से उनकी जमीन का आकलन भी करने के लिए कहा गया है। उनके क्षेत्रों में एक एकड़ में धान उत्पादन के क्या मापदंड हैं, इसका आकलन किया जाएगा। अब तक मध्य प्रदेश में 36 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। खरीदी का काम 19 जनवरी तक चलेगा।

इन जिलों के कलेक्टरों को खाद्य विभाग ने लिखा पत्र

रीवा, सतना, मऊगंज, सिंगरौली, उमरिया, सीधी, अनूपपुर, शहडोल, कटनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडोरी, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, दमोह, पन्ना, रायसेन, सीहोर, ग्वालियर, शिवपुरी, भिंड, सागर और दतिया जिला शामिल है।

सिकमी और बटाईदारों के नाम पर की गई थी गड़बड़ी

जबलपुर में कुछ गोदाम संचालकों ने महिला स्व सहायता के माध्यम से बिना खरीदी केन्द्र बने ही करोड़ों की धान किसानों से खरीद ली। ज्यादातर धान की मात्रा एफएक्यू से नीचे थी। जांच में यह भी पाया गया कि कई टन धान भींगी और खराब हो गई। धान की खरीदी सिकमी और बटाईदारों के नाम पर की गई थी, जो वास्तव में नहीं पाए गए थे। इसके अलावा जो बटाईदार थे, उनके पास उतनी जमीन नहीं थी। शिकायत होने पर इस मामले में तत्कालीन प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने कई अधिकारियों पर कार्रवाई भी की थी।

फ्लेश बैक: जबलपुर

  • जबलपुर में करीब 10 हजार फर्जी खाता धारक सामने आए थे।
  • दो अधिकारियों को किया गया था निलंबित, कलेक्टर भी बदले गए।
  • 45 गोदामों की जांच में 22 में गड़बड़ी मिलने पर उन्हें ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था।

धान खरीदी की इस तरह की जाएगी जांच

  • खरीदी केन्द्रों बनाने की अनुमति देने से पहले किसी गोदाम संचालक ने धान खरीदी तो नहीं की।
  • धान खरीदी में भारत सरकार के तय फेयर एवरेज क्वालिटी (एफएक्यू) की धान खरीदी गई है अथवा नहीं
  • खरीदी केन्द्र तय करने से पहले अथवा खरीदी शुरू करने से पहले गोदामों में भंडारित की गई धान की मात्रा का आकलन की क्या स्थिति थी
  • रजिस्टर्ड सिकमी और बटाईदार किसानों से धान खरीदी करना और उनके नाम पर दर्ज खेती की जमीन का सत्यापन करना।

कलेक्टरों से रिपोेर्ट बुलाई है धान खरीदी में गड़बड़ी की संभावनाओं को देखते हुए कलेक्टरों से धान खरीदी की जांच रिपोर्ट बुलाई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है। -स्मिता भारद्वाज, एसीएस, खाद्य विभाग मप्र

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