
मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का पदक दिलाने में अहम योगदान देने वाली ‘कॉलर वाली बाघिन’ का निधन हो गया है। 17 साल की ये बाघिन तीन-चार दिनों से बीमार चल रही थी। बाघिन ने शनिवार को पेंच टाइगर रिजर्व में अंतिम सांस ली। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने ट्वीट कर दुख जताया।
मप्र को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली, मध्यप्रदेश की शान व 29 शावकों की माता @PenchMP की ‘सुपर टाइग्रेस मॉम’ कॉलरवाली बाघिन को श्रद्धांजलि।
पेंच टाइगर रिजर्व की 'रानी' के शावकों की दहाड़ से मध्यप्रदेश के जंगल सदैव गुंजायमान रहेंगे। pic.twitter.com/nbeixTnnWv
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 16, 2022
'सुपर मॉम' को आखिरी सलाम।
29 शावकों को जन्म देने वाली पेंच टाइगर रिजर्व की 'कॉलर वाली बाघिन' की मृत्यु की खबर दुखद है।
मध्यप्रदेश को मिली टाइगर स्टेट की गौरवशाली पहचान पर कोई भी चर्चा इस सुपर मॉम के महत्वपूर्ण योगदान के बिना पूरी नहीं हो सकेगी। pic.twitter.com/m82OoUyVfw
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) January 16, 2022
29 शावकों को जन्म देने वाली 'सुपर मॉम' पेंच टाइगर रिजर्व की 'कॉलर वाली बाघिन' की मृत्यु का दुःखद समाचार मिला।
पशुपतिनाथ दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें। pic.twitter.com/6lNnCbBtU3
— Vishvas Kailash Sarang (@VishvasSarang) January 16, 2022
कब हुआ था जन्म ?
जानकारी के मुताबिक, सितंबर 2005 में जन्मी यह बाघिन 8 बार में 29 शावकों को जन्म दे चुकी थी। उसके नाम पर एक साथ पांच बच्चों को जन्म देने का भी रिकार्ड दर्ज है। बता दें कि बाघिन ने सबसे ज्यादा बच्चे देने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
देहरादून में मिला था नाम!
पेंच टाइगर रिजर्व में ‘कॉलर वाली बाघिन’ को 11 मार्च 2008 को बेहोश कर देहरादून के विशेषज्ञों ने रेडियो कॉलर पहनाया था। इसके बाद से पर्यटकों के बीच वे कॉलर वाली के नाम से प्रसिद्ध हो गई। बता दें कि उसकी मां को टी-7 बाघिन (बड़ी मादा) और पिता को चार्जर के नाम से जाना जाता था।