
अशोक गौतम/भोपाल। प्रदेश के लाखों घरों में सीएनजी गैस कनेक्शन देने का काम शुरू होने के साथ ही घरों में गैस सप्लाई भी होने लगी है । ढाई लाख से अधिक घरों तक सीएनजी लाइन बिछा दी गई है। वहीं एक लाख साठ हजार घरों में गैस की सप्लाई भी हो रही है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में गैस पाइप लाइन बिछाने का काम 50 फीसदी पूरा हो गया है। फिलहाल कंपनियों का फोकस कवर्ड कॉलोनी और मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में कनेक्शन देना है। टारगेट के अनुसार सभी घरों में कनेक्शन देने के लिए आठ साल (भोपाल और इंदौर में 2029 तक ) का समय दिया गया है। प्रदेश में 55 जिलों में गैस पाइप लाइन बिछाने और सप्लाई के लिए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन सहित दस कंपनियों को काम दिया गया है। इन कंपनियों को शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ गांवों में गैस की पाइप लाइन बिछाना है। कनेक्शन लेने के लिए मकान मालिकों से सहमति पत्र भरवाने का भी काम शुरू हो गया है।
15%तक सस्ती मिलेगी गैस
पाइप लाइन के जरिए सप्लाई होने सेलोगों को दस से 15 प्रतिशत तक सस्ती गैस मिलेगी। इसकी मुख्य वजह है कि निजी कंपनियों को गैस परिवहन नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही गैस की रिफिलिंग और सिलेंडर की लागत राशि भी नहीं लगेगी। वहीं गैस की सप्लाई के निजी कंपनियों का अमला कम होगा। रोजगार की संभावनाएं बढ़ेगी। इसके साथ ही 24 घंटे गैस सप्लाई होगी और पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा।
इन जिलों में काम जारी
इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, देवास, रायसेन, शाजापुर, श्योपुर, भोपाल, राजगढ़, शिवपुरी, रीवा, मऊगंज, अशोक नगर, मुरैना, सतना, मैहर, शहडोल, सीधी, सिंगरौली, झाबुआ, रतलाम, अनूपपुर, भिंड, दतिया, बुरहानपुर, खरगोन, हरदा, टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर, पन्ना, अलीराजपुर, बड़वानी, नीमच, मंदसौर, आगर मालवा, जबलपुर, कटनी, डिंडोरी, मंडला, उमरिया, दमोह, होशंगाबाद आदि।
- कनेक्शन शुल्क: एक बार कनेक्शन लेने के बाद गैस की लगातार सप्लाई होगी। यानि आपको बार-बार सिलेंडर का नंबर लगाने की जरूरत नहीं रहेगी। माह में जितनी खपत होगी उतना बिल आएगा। वर्तमान में एक घर पर 6000 रुपए कनेक्शन शुल्क लिया जा रहा है। इसमें पाइप लाइन का खर्च भी शामिल है।
- सुरक्षा के मानदंड: गैस की पाइप लाइन में 3 जगह पर वाल्व होंगे। पहला वाल्व किचन में, दूसरा मीटर के पास और तीसरा घर के बाहर होगा। इसके अलावा पाइप लाइन में स्पाटली केमिकल होगा, जिससे थोड़ी गैस रिसाव पर तेजी से बदबू आएगी। ऐसा होने पर आप कंपनी को सूचित करेंं।
क्या कहते हैं गैस उपभोक्ता
सीएनजी सस्ती पड़ रही है। कनेक्शन लेने के बाद इसकी हर दो माह में 1200 रुपए की बिलिंग हो रही। रसोई गैस सिलेंडर 900 रुपए का आता था, जो एक माह ही चलता है। सीएनजी की लौ नीली होती है। एलपीजी की गैस कुछ दिन बाद पीली जलने लगती थी। इसके अलावा सीएनजी गैस प्रेशर से आती है। नितिन रघुवंशी, जिला अशोकनगर, कनेक्शनधारी