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नीतीश कैबिनेट का विस्तार, राज्यपाल ने दिलाई 21 मंत्रियों को शपथ, BJP से 12, JDU से 9 बने मंत्री

पटना। बिहार में नीतीश सरकार का कैबिनेट विस्तार हो गया। राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने 21 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। इसी के साथ अब नीतीश मंत्रिमंडल में कुल 30 विभागीय मंत्री हो गए हैं। बीजेपी के 12 और जेडीयू से 9 मंत्री बने। बीजेपी ने अपने कोटे से 6 नए मंत्री बनाए हैं, जबकि जेडीयू से सभी पुराने चेहरे शामिल किए गए हैं। केवल संजय झा (राज्यसभा गए) की जगह महेश्वर हजारी को मंत्री बनाया गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा की मौजूद रहे।

बीजेपी-जेडीयू के इन सदस्यों ने ली शपथ

नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले 21 नए चेहरों में रेणु देवी, मंगल पांडेय, नीरज कुमार बबलू, अशोक चौधरी, लेसी सिंह, मदन सहनी, नीतीश मिश्रा, नितिन नवीन, दिलीप कुमार जायसवाल, महेश्वर हजारी, शीला कुमारी मंडल, सुनील कुमार, जनक राम, हरी सहनी, कृष्णनंदन पासवान, जयंत राज, जमा खान, रत्नेश सदा, केदार प्रसाद गुप्ता, महेश्वर हजारी, सुरेंद्र मेहता और संतोष कुमार सिंह शामिल हैं। अब सरकार में सीएम समेत कुल 30 मंत्री हो गए हैं। इनमें से बीजेपी के 15, जेडीयू के 13, हम पार्टी और निर्दलीय कोटे से एक-एक मंत्री बनाए गए हैं।

भाजपा की ओर से दोपहर बाद आयी अंतिम सूची

इससे पहले 12 मंत्रियों की लिस्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपी गई थी। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बीजेपी सूबे के मंत्रियों की लिस्ट मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर सीएम को सौंपी थी। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के करीब 40 दिनों के बाद कैबिनेट का विस्तार किया गया है। कैबिनेट का विस्तार नहीं होने से एक एक मंत्रियों के जिम्मे 9-9 विभागों की जिम्मेदारी थी।

21 में से सिर्फ 6 नए चेहरे

यह NDA सरकार का दूसरा कैबिनेट विस्तार था। 21 मंत्रियों में से सिर्फ 6 नए मंत्री बने हैं। सभी बीजेपी कोटे से हैं। इनमें संतोष सिंह, दिलीप जायसवाल, हरी सहनी, सुरेन्द्र मेहता, कृष्णनंदन पासवान, केदार प्रसाद गुप्ता शामिल हैं।

नीतीश के मंत्रिमंडल के जातीय समीकरण, लोकसभा चुनाव की तैयारी

नीतीश के मंत्रिमंडल में यादव जाति से एक भी मंत्री नहीं बनाया गया है। वहीं सिर्फ एक मुस्लिम को जगह मिली है। लोकसभा चुनाव से पहले हुए इस कैबिनेट विस्तार में सभी वर्गों को साधने की कोशिश की गई है। बीजेपी ने अपने कोर वोट बैंक सवर्ण कोटे से 6 मंत्री बनाए हैं। वहीं नीतीश कुमार के कोर वोट बैंक पिछड़ा और अति पिछड़ा से कुल आठ मंत्री बनाए गए हैं। इनमें अति पिछड़ा से चार और पिछड़ा से चार मंत्री हैं। दलितों को ध्यान में रखते हुए इस कोटे से 6 मंत्री बनाए गए हैं। बिहार में यादव सबसे निर्णायक वोट बैंक माना जाता है। राज्य में 14 फीसदी यादव समाज है।

बिहार में सबसे ज्यादा आबादी अति-पिछड़ा वर्ग 36 फीसदी है। इसके बाद 18 फीसदी सवर्ण और 16 फीसदी कुर्मी-कोइरी समाज है। जबकि, राज्य में 14 फीसदी मुस्लिम आबादी है। इसके बाद भूमिहार जाति सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। उनकी आबादी 6 से 7 फीसदी के करीब बैठती है। वहीं, राज्य में राजपूत और ब्राह्मणों की आबादी 5 से 6 फीसदी के करीब है।

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