
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को कहा कि ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ केवल जल संरक्षण की पहल नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित और समृद्ध भविष्य का संकल्प है। मुख्यमंत्री ने यह बात भोपाल के शीतलदास की बगिया में घाट सफाई कार्य में भागीदारी निभाते हुए कही।
उन्होंने घाटों की सफाई में लगे सफाई मित्रों का सम्मान भी किया और अभियान से जुड़े जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में कार्यक्रम को संबोधित किया। इस मौके पर डॉ. यादव ने कहा कि सरकार जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में समाज की भागीदारी से एक बड़ा जनआंदोलन खड़ा किया जा रहा है।
पुरानी बावड़ियों के जीर्णोद्धार की समीक्षा
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के बाद भोपाल की ऐतिहासिक पुरानी बावड़ी के जीर्णोद्धार कार्य का निरीक्षण भी किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण केवल संसाधन बचाने का कार्य नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने का भी माध्यम है।
22 बावड़ियों का संरक्षण : जल और विरासत दोनों की रक्षा
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि भोपाल नगर निगम द्वारा शहर की 22 पारंपरिक बावड़ियों को संरक्षित करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पहल से न केवल भूजल स्तर बेहतर होगा, बल्कि यह हमारे पुरखों की धरोहर को भी संरक्षित करेगा।
जनता से किया सहयोग का आग्रह
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनता से ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ में सक्रिय भागीदारी की अपील की और कहा कि जल स्रोतों की सफाई, संरक्षण और पुनर्भरण जैसे कार्यों में नागरिकों की सहभागिता अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इसे स्कूलों, कॉलेजों, पंचायतों और नगरीय निकायों के साथ मिलकर जन आंदोलन का रूप दे रही है।
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