
इंदौर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति “दुश्मनी” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नेहरू ने अपने जीवनकाल में संविधान निर्माता के राजनीतिक करियर को ठिकाने लगाने की पूरी कोशिश की और उनका अंतिम संस्कार तक रोक दिया।
संघर्ष से नेहरू घबरा गए थे : सीएम
मुख्यमंत्री यादव ने ये टिप्पणियां इंदौर में भाजपा के ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर सम्मान अभियान’ के अंतर्गत आयोजित संगोष्ठी में की। उन्होंने बताया कि अंबेडकर के शोषित वर्ग के उत्थान के संघर्ष से नेहरू ‘घबरा गए’ थे, क्योंकि नेहरू ‘भारत की जड़ों’ से नहीं जुड़े थे, बल्कि अपने परिवार की विरासत पर निर्भर थे। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने ग्वालियर में सोमवार को ‘संविधान बचाओ रैली’ आयोजित की थी, जिसमें वह सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ सामाजिक न्याय के मुद्दे को धार देती नजर आई थी।
मजबूरी में सौंपी जिम्मेदारी : सीएम
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि नेहरू बाबा साहेब के संघर्षों और लोकप्रियता से घबराए हुए थे। उन्होंने कहा कि संविधान सभा के अध्यक्ष पद के लिए जब सभी ने अंबेडकर का नाम तय कर लिया था, तब भी नेहरू ने उस प्रस्ताव को बार-बार टालने की कोशिश की। आखिरकार जब डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने हस्तक्षेप कर कहा कि इनसे अच्छा कोई नाम नहीं हो सकता। तब जाकर नेहरू ने मजबूरी में अंबेडकर को यह जिम्मेदारी सौंपी।
दिल्ली में दाह संस्कार की मंजूरी नहीं दी
मुख्यमंत्री ने कहा- अंबेडकर ने जाति व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़कर ऊंचे मुकाम पर पहुंचे, इससे नेहरू भयभीत थे। अपने पिता की विरासत पर आगे बढ़े नेहरू की जड़ों से कोई सगा रिश्ता नहीं था। आगे आरोप लगाया कि अंबेडकर के निधन (6 दिसंबर 1956) के बाद भी नेहरू ने उनकी “दुश्मनी” नहीं छोड़ी। उन्होंने दावा किया कि नेहरू ने चुनावों में अंबेडकर को हरवाने के लिए हर संभव ताकत झोंक दी। अंबेडकर की मृत्यु के बाद दिल्ली में दाह संस्कार की मंज़ूरी तक नहीं दी गई। मृत्यु के बाद भी उनके पार्थिव शरीर को मुंबई ले जाने वाले विमान का किराया अंबेडकर की विधवा पर थोप दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस से मांग की कि वह अंबेडकर के साथ किए गए “अन्याय” के लिए सार्वजनिक माफी मांगे, क्योंकि कांग्रेस नेताओं ने अपना राजनीतिक लाभ उठाने के लिए अंबेडकर की सामाजिक न्याय से जुड़े “सत्यापित योगदान” को भी “नकारने” का प्रयास किया।
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