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मोहन कैबिनेट : चिकित्सा शिक्षा में होगी सीधी भर्ती, आगर-मालवा में खुलेगा लॉ कॉलेज, कई अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिली है। साथ ही पीएम जनमन योजना को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया गया। वहीं तय किया गया कि सभी मंत्री अपने गृह जिलों में 26 जनवरी को ध्वजारोहण करेंगे। मोहन कैबिनेट की में चिकित्सा शिक्षा विभाग के भर्ती नियमों में बदलाव किया गया है। विभाग में पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों को अब सीधी भर्ती से भरा जा सकेगा।

पांच नए मेडिकल कॉलेज होंगे प्रारंभ

उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि कैबिनेट ने इसी सत्र से पांच नए मेडिकल कॉलेज शुरू करने का निर्णय लिया है। इनमें सिवनी, श्योपुर, नीमच, मंदसौर, सिंगरौली के मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। शिक्षण स्टाफ के पदों को भरने के लिए आवश्यक संशोधन लाया गया है। प्रोफेसर (24), असिस्टेंट प्रोफेसर (70 से 75 के बीच) आदि के पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे। मेडिकल कॉलेजों को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। पांच मेडिकल कॉलेजों के लिए विभिन्न श्रेणियों के कुल पद 150 हैं।

हरदा में कृष्णा गौर, नर्मदापुरम में सारंग करेंगे ध्वजारोहण

उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। 26 जनवरी को मंत्री अपने गृह जिलों में ध्वजारोहण करेंगे। जिन जिलों में मंत्री नहीं वहां से अलग से मंत्रियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। हरदा में कृष्णा गौर, नर्मदापुरम में विश्वास सारंग ध्वजारोहण करेंगे।

कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले

  • आगर-मालवा में एक नया विधि महाविद्यालय (लॉ कॉलेज) खोलने की स्वीकृति प्रारंभ करने निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल ने 30 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी है। कॉलेज की स्थापना पर 2 करोड़ 19 लाख से अधिक का आवर्ती और अनावर्ती व्यय होगा।
  • प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों में 11 गतिविधियों के लिए बहुउद्देशीय केंद्रों का निर्माण किया जाएगा। इन केंद्रों की कुल लागत 75 करोड़ प्रति केंद्र है। जिसमें शत-प्रतिशत वित्तीय सहायता भारत सरकार देगी।
  • विशेष पिछड़े जनजातीय क्षेत्रों में बहुउद्देशीय केंद्र खोले जाएंगे और प्रत्येक केंद्र पर 75 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह केंद्र द्वारा शत-प्रतिशत वित्त पोषित है। राज्य ने 284 केन्द्रों का प्रस्ताव भेजा था और भारत सरकार ने 125 केन्द्रों को मंजूरी दी थी।
  • सरकार ने विशेष पिछड़े आदिवासी इलाकों में आगनबाड़ी केंद्र खोलने का भी निर्णय लिया है। करीब 194 आगनबाड़ी केंद्र खोले जाएंगे। इस पर 15.70 करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे। 60 फीसदी लागत केंद्र और शेष 40 फीसदी राज्य सरकार वहन करेगी।
  • सरकार ने पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों में बालक एवं बालिका छात्रावास खोलने का भी निर्णय लिया। इस मद में 384.6 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
  • विशेष पिछड़ी जनजातीय बहुल क्षेत्रों में सड़क निर्माण के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदंडों को देखते हुए सड़क बनाई जाएगी। सड़क सुविधा से वंचित 981 मानव बस्तियों को जोड़ने के लिए सड़कें बनाई जाएंगी। ऐसे इलाकों में 50 पुलों का भी निर्माण किया जाएगा। 100 लोगों की मानव बस्ती भी सड़क से जुड़ जायेगी। क्रुक्स में 2404 किमी लंबाई वाली सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इस पर तीन साल में 2454 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
  • विशेष पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों में जिन आदिवासियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान नहीं मिले हैं, उन्हें मकान उपलब्ध कराए जाएंगे। इस संबंध में लाभुकों को दो लाख रुपए दिए जाएंगे।
  • मोहासा-बाबई औद्योगिक पार्क में विद्युत, पवन ऊर्जा, नवकरणीय ऊर्जा के उपकरण बनाए जाएंगे। इसके लिए अभी ऊर्जा उपकरण एवं निर्माण क्षेत्र की स्थापना के लिए भारत सरकार द्वारा 371 करोड़ का अनुदान दिया गया।

अयोध्या की तरह किया जाएगा चित्रकूट का विकास : सीएम

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्री परिषद की बैठक से पहले अपने संबोधन में चित्रकूट में कल 16 जनवरी को श्री रामचंद्र पथ गमन न्यास की पहली बैठक का उल्लेख करते हुए कहा कि श्रीराम वन पथ गमन के विकास की कार्य योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। प्रथम चरण में पथ के अयोध्या से चित्रकूट तक के विकास के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकारों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में गतिविधियां संचालित की जाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पांच विशेषज्ञों की समिति बनाकर कार्य आरंभ किया जाएगा। जो क्षेत्र चिन्हित हैं वहां पहले कार्य आरंभ होगा। चित्रकूट का विकास, अयोध्या की तरह किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमरकंटक का विकास और मंदाकिनी नदी का संरक्षण भी समन्वित रूप से किया जाएगा।

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