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दिल्ली हाईकोर्ट से अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका, केजरीवाल की गिरफ्तारी रोकने वाली याचिका खारिज; 22 अप्रैल को अगली सुनवाई

नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका लगा है। केजरीवाल को गिरफ्तारी से राहत नहीं मिली है। 21 मार्च को हाईकोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी को लेकर कोई अंतरिम सुरक्षा नहीं दे सकते। इससे पहले केजरीवाल ने कोर्ट से कहा था कि वे प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं। उन्हें भरोसा दिया जाए कि जांच एजेंसी उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी।

दिल्ली हाईकोर्ट में कल (20 मार्च) उनके मामले की सुनवाई के दौरान उनके वकीलों ने कहा कि, उन्हें आशंका है कि ईडी उन्हें गिरफ्तार कर लेगी। अगर उन्हें सुरक्षा दी जाती है तो वे पेश होने के लिए तैयार हैं। जिसके बाद उन्होंने आज कोर्ट से मांग की थी कि, ईडी को ‘कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं’ करने का निर्देश दिया जाए। सीएम ने कोर्ट से कहा था कि, वे ED के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं। हालांकि, उन्हें भरोसा दिया जाए कि जांच एजेंसी उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी।

दिल्ली हाईकोर्ट ने ED से जवाब मांगा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दंडात्मक कार्रवाई से कोई अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस स्तर पर हम अंतरिम राहत देने के इच्छुक नहीं हैं। हालांकि, अदालत ने इस नई अंतरिम याचिका पर ED से जवाब मांगा और मामले को 22 अप्रैल, 2024 के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

हाईकोर्ट में कल सुनवाई के दौरान क्या हुआ

दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार (20 मार्च) को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की। केजरीवाल ने अपने खिलाफ एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) के सभी समन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान ED को अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। वहीं कोर्ट ने केजरीवाल के वकीलों से भी पूछा- आप (केजरीवाल) ED के सामने पेश क्यों नहीं होते? उन्होंने कोर्ट से गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने फिलहाल राहत देने से इनकार कर दिया।

जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की अध्यक्षता वाली बेंच ने केजरीवाल के वकीलों से भी पूछा- आप (केजरीवाल) ED के सामने पेश क्यों नहीं होते? आप देश के नागरिक हैं, समन सिर्फ नाम का है। इस पर केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी और विक्रम चौधरी ने कहा कि, AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को ED गिरफ्तार कर चुकी है। उन्हें आशंका है कि केजरीवाल को भी गिरफ्तार किया जा सकता है। अगर केजरीवाल को सुरक्षा दी गई, तो वे पेश हो जाएंगे। वहीं अब इस मामले पर अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।

ED केजरीवाल को अब तक 10 समन भेज चुकी

ED दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को अब तक 9 समन भेज चुकी है। 17 मार्च से पहले भेजे गए आठ समन के दौरान वे एक बार भी पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए हैं। वहीं ED ने शराब नीति केस के साथ दिल्ली जल बोर्ड के टेंडर केस में भी केजरीवाल को समन भेजा था। जल बोर्ड केस में उन्हें 18 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं गए। इस मामले में दिल्ली CM को मिला यह पहला समन है।

कब भेजा समन पेश हुए या नहीं
नवंबर पहला समन पेश नहीं हुए
21 दिसंबर दूसरा समन पेश नहीं हुए
जनवरी तीसरा समन   पेश नहीं हुए
17 जनवरी चौथा समन पेश नहीं हुए
फरवरी पांचवां समन पेश नहीं हुए
14 फरवरी (19 फरवरी को बुलाया) छठवां समन पेश नहीं हुए
22 फरवरी (26 फरवरी को बुलाया) सातवां समन पेश नहीं हुए
27 फरवरी (मार्च को बुलाया) आठवां समन पेश नहीं हुए
17 मार्च (21 मार्च को बुलाया) नौवां समन पेश नहीं हुए

AAP ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल

मंत्री आतिशी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जांच एजेंसियों सहित मोदी सरकार पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को ईडी का एक और समन मिला है और उन्हें दिल्ली जल बोर्ड में हुई मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित कुछ जांच में शामिल होने के लिए कहा गया। हम दर्ज किए गए मामले से अनजान हैं। अरविंद केजरीवाल को फर्जी मामले में तलब किया गया है।

AAP नेता और दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा, “दिल्ली जल बोर्ड के इस मामले के बारे में कोई नहीं जानता… ये समन इसलिए भेजा जा रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी को शक होने लगा है कि क्या वे एक्साइज मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर पाएंगे… अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए एक बैकअप प्लान की शुरूआत की जा रही है…”

आप के दो नेता गिरफ्तार

दिल्ली की आबकारी नीति में घोटाले के आरोप लगे हैं। इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है। वहीं, इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से ईडी जांच में जुटी है। जांच एजेंसियों ने अब तक आप के दो बड़े नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को गिरफ्तार किया है।

क्या है पूरा मामला ?

दिल्ली में केजरीवाल की सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। नई शराब नीति लागू करने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और शराब की पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई। नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार का रेवेन्यू में बढ़ेगा। नई नीति से रेवेन्यू में 1500-2000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई थी।

नई पॉलिसी में कहा गया था कि दिल्ली में शराब की कुल दुकानें पहले की तरह 850 ही रहेंगी। हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही। जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी। मामले में सीबीआई को जांच ट्रांसफर दी गई। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एंगल आने पर इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हो गई। उसके बाद से AAP के कई सीनियर नेता और उनके करीबी सहयोगी जांच एजेंसी के निशाने पर आ गए।

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