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क्लाइमेट चेंज; कोको का उत्पादन घटा, 2030 में दुनिया से खत्म हो सकती है चॉकलेट

लंदन। कोको की आपूर्ति में तेज गिरावट के कारण चॉकलेट उद्योग संकट में है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 5 सालों में कोको की आपूर्ति पूरी तरह से समाप्त हो सकती है। कोको उगाने वाले किसानों ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ती कीमतों के कारण कोको उत्पादन में भारी कमी आई है। कोको उत्पादन का क्षेत्र मुख्य रूप से पश्चिम अफ्रीका के आइवरी कोस्ट में स्थित है।

30 % गिरा उत्पादन

आइवरी कोस्ट में स्थित येस्सो, एक किसान सहकारी संस्था ने बताया कि पिछले कुछ सालों में उनके 5,000 कोको उत्पादकों की उत्पादन क्षमता में 30 प्रतिशत की गिरावट आई है। किसान अब रबर और ताड़ के पौधों की खेती की ओर रुख कर रहे हैंै। इसका असर यह है कि ब्रिटिश दुकानदारों को इस ईस्टर पर चॉकलेट बनाने में 50 प्रतिशत तक की कीमत वृद्धि का सामना करना पड़ेगा। लेकिन इसका फायदा किसानों को नहीं है।

जलवायु परिवर्तन का असर हमारी उपज पर बहुत गहरा हो रहा है। जब हमें बारिश की जरूरत होती है, तो बारिश नहीं होती और जब हमें सूरज चाहिए होता है, तो इसके बजाय बहुत बारिश हो जाती है। अगर 2030 तक कुछ नहीं किया गया, तो हमारे पास कोई कोको के पेड़ नहीं होंग। – बियाबटे पोसेनी कोको किसान

इस संकट को हल करने के लिए आइवरी कोस्ट सरकार समाधान पर काम कर रही है। -थॉमस अडेई , आइवरी कोस्ट कृषि मंत्रालय के क्षेत्रीय निदेशक

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