
जयपुर/अजमेर। वाराणसी की ज्ञानवापी, संभल की जामा मस्जिद के बाद अब अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया गया है। इसको लेकर एक केस स्थानीय अदालत में दायर किया गया है। अदालत ने वाद को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए नोटिस जारी किए। वादी विष्णु गुप्ता के अधिवक्ता योगेश सिरोजा ने बताया कि वाद पर दीवानी मामलों के जज मनमोहन चंदेल की अदालत में सुनवाई हुई।
सिरोजा ने कहा, दरगाह में एक शिव मंदिर होना बताया जा रहा है। उसमें पहले पूजा-पाठ होता था। पूजा पाठ दोबारा शुरू करवाने के लिए वाद सितंबर 2024 में दायर किया गया। कोर्ट ने अजमेर दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मंत्रालय, एएसआई (नई दिल्ली) को नोटिस जारी किए हैं।
शिव मंदिर घोषित करें
वादी विष्णु गुप्ता ने कहा, हमारी मांग थी कि अजमेर दरगाह को संकट मोचन महादेव मंदिर घोषित किया जाए और दरगाह का किसी प्रकार का पंजीकरण है तो उसको रद्द किया जाए।