
पुष्पेन्द्र सिंह-भोपाल। भारी बारिश से प्रदेश के लगभग हर जिले में सड़कें उखड़ गईं। आलम यह है कि लोक निर्माण विभाग की निगरानी में बनाए गए मार्गों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। डिंडोरी के शाहपुरा निवासी और संजीवनी सामाजिक जन कल्याण संस्था के प्रमुख मुकेश अग्रवाल बताते हैं कि 20 दिन पहले राजमार्ग बह गया। तभी से आवागमन ठप है। लोक निर्माण विभाग ने सड़कों के मेंटेनेंस के लिए इस साल 500 करोड़ की डिमांड की। वित्त विभाग ने कटौती करते हुए 150 करोड़ पर सहमति दी और वास्तविकता यह है कि पहली तिमाही में विभाग के पास सिर्फ 37 करोड़ रुपए हैं। जबकि अगस्त 2024 की स्थिति में विभाग के अंतर्गत आने वाली 10,200 किमी की सड़कों के मेंटेनेंस की जरूरत है।
सड़कों के गड्ढे गिनने वाले इंजीनियरों पर भी निगरानी
पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह सड़कों के गड्ढों को भरने निर्देश पर निर्देश दे रहे हैं। गड्ढे गिनने और खर्च का आकलन करने जिला और संभाग के अफसरों को सड़कों पर उतारा है। अब गड्ढे गिनने वाले इंजीनियरों की जांच के लिए संभागों के अधीक्षण यंत्रियों को तैनात किया गया है। ये अधिकारी 9 से 15 सितंबर तक सड़कों की वास्तविक स्थिति का आकलन करेंगे और 18 सितंबर तक शासन को रिपोर्ट भेजेंगे।
प्रदेश में 51 हजार किमी सड़कों का नेटवर्क
प्रदेश में लोक निर्माण विभाग की 51,500 किमी सड़कों का नेटवर्क है। इसमें 24,500 किमी लंबाई की सड़कें परफॉर्मेंस गारंटी के अंतर्गत हैं। यानी जहां सड़कें उखड़ेंगी या खराब होंगी, उन्हें गारंटी के तहत ठेकेदारों को ही सुधारना है। वहीं मप्र में राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 8,858 किलोमीटर है। इनका रखरखाव नेशनल हाईवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया के द्वारा किया जाता है।
राज्य में 9 से 15 सितंबर तक चलेगा विशेष अभियान
अब, 9 से 15 सितंबर के बीच विशेष अभियान चलाया जाएगा। अभियान में 7 से 22 अगस्त तक चले प्रदेश में पैचवर्क के कार्य की हकीकत जानी जाएगी। जिन इंजीनियरों ने रिपोर्ट दी है कि गड्ढे भर दिए गए हैं, उसकी हकीकत भी जानी जाएगी।
प्राप्त राशि से काम करने के बाद करेंगे फंड की डिमांड
वर्तमान में 37 करोड़ रुपए की जो राशि प्राप्त हुई है, उससे काम किया जा रहा है। यह राशि खर्च होने पर अतिरिक्त राशि की डिमांड की जाएगी। प्रदेश के सभी जिलों में एकसाथ काम किए जाएंगे। अधीक्षण यंत्री और संभागीय प्रबंधकों की टीम विभिन्न मंडलों में जाकर पैचवर्क कार्य का औचक निरीक्षण करेगी। 18 सितंबर तक सभी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराई जाएंगी। -केसी. गुप्ता, एसीएस,पीडब्ल्यूडी