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नए वायरस की खबरों, डराने वाली रील्स से बच्चे-पैरेंट्स चिंतित

माशिमं की हेल्पलाइन सहित प्राइवेट काउंसलर्स को कॉल कर पूछ रहे परीक्षा कैंसिल या आगे तो नहीं बढ़ जाएगी

पल्लवी वाघेला भोपाल। 8 कोरोना के बाद नए वायरस एचएमपीवी को लेकर पिछले दिनों सोशल मीडिया सहित अन्य प्लेटफॉर्म पर आर्इं खबरों और रील्स से स्टूडेंट्स और पैरेंट्स चिंतित हैं। पिछले कुछ समय से इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा मंडल की हेल्पलाइन और प्राइवेट काउंसलर्स के पास रोजाना 10 से अधिक कॉल्स पहुंच रहे हैं। पैरेंट्स को लग रहा है कि कहीं यह वायरस उनके बच्चे को चपेट में न ले ले। इस डर से वह एग्जाम के समय में बच्चों को किसी से ज्यादा न मिलने-जुलने और स्कूल-कोचिंग में कम समय बिताने की हिदायत दे रहे हैं। एक अभिभावक ने हेल्पलाइन पर कॉल कर पूछा कि एम्स ने मास्क लगाने सहित अन्य हिदायत दी हैं। लॉकडाउन के हालात तो नहीं होंगे, वरना बच्चों के भविष्य का क्या होगा। एक अन्य अभिभावक ने पूछा कि एग्जाम में माशिमं, बच्चों की सेμटी के लिए क्या गाइडलाइन बना रहा है।

हेल्पलाइन पर बच्चों ने साझा किया दर्द

  •  इस साल 10वीं की परीक्षा दूंगी। बीते दिनों मम्मी ने एचएमपीवी वायरस से जुड़ी रील देखी कि भोपाल में भी इससे बच्चे पीड़ित हैं। अब वायरस के डर से वह सहेली के घर स्टडी के लिए जाने से रोक रही हैं।
  •  मम्मी-पापा स्कूल जाने की परमिशन नहीं दे रहे हैं। मैं 12वीं में हूं और यह पढ़ाई और डाउटस क्लियर करने का सबसे अहम समय है, लेकिन पैरेंट्स को समझाना मुश्किल हो रहा है। उन्हें डर है कि एचएमपीवी कहीं कोरोना जैसा खतरनाक न हो।
  •  कक्षा 12वीं में हूं। आगे नीट में एपियर होना है। मुझे डर लग रहा है कि नए वायरस को लेकर जिस तरह की खबरें आ रही हैं, कहीं एग्जाम कैंसिल या आगे न बढ़ जाए।

  एक्सपर्ट व्यू: घबराएं नहीं, पढ़ाई पर फोकस करें

इन मामलों में बच्चों और उनके पैरेंट्स से बात कर उन्हें समझा रहे हैं कि परीक्षा कैंसिल होने या लॉकडाउन जैसी बात नहीं है। इस वायरस को लेकर अफवाह अधिक हैं। जहां तक मास्क या अन्य सेμटी है, तो वह प्रिकॉशन तो सर्दी-खांसी में भी लेनी चाहिए। बच्चों को समझाया है कि वह पढ़ाई पर फोकस करें। दिव्या दुबे मिश्रा, काउंसलर

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