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चाइल्ड साइबर क्राइम के मामले में मप्र टॉप थ्री स्टेट में शामिल, पोर्नोग्राफी में बच्चों की तस्वीरों के इस्तेमाल के केसेस बढ़े; 83% मामलों में करीबी ही होते हैं आरोपी

पल्लवी वाघेला, भोपाल। स्टाइलिश फोटो खींचना और उसे सीक्रेट एकाउंट पर अपलोड करना। यह टीनएजर्स के लिए आम बात हो गई है, लेकिन यह आदत उन्हें बड़ी परेशानी में डाल रही है। चाइल्ड साइबर क्राइम के मामले में मप्र, बीते तीन सालों से लगातार टॉप 3 स्टेट में शामिल है। वह भी तब जब महज दो फीसद अभिभावक ही इन मामलों में पुलिस के पास पहुंचते हैं।

मप्र पुलिस के अनुसार, 2023 में बच्चों के साथ साइबर क्राइम के 161 मामले दर्ज हुए। 2021 में यह आंकड़ा महज 36 केसेस का था। वहीं नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, 2022 में 147 मामले दर्ज थे और इनमें 90 फीसद मामले चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े हैं। इन रिपोर्टों के अनुसार, करीब 83 फीसद मामलों में पीडित के करीबी ही आरोपी निकलते हैं। इनमें कुछ का इरादा ब्लैकमेलिंग का होता है तो कुछ बदनाम कर बदला लेने और कुछ पैसे की चाह में यह कदम उठाते हैं। पोर्नोग्राफी रैकेट चलाने वाले गिरोह अब छोटे शहरों को भी निशाना बनाने लगे हैं। यह गिरोह हैकिंग या खरीदकर बच्चों की तस्वीरों का गलत इस्तेमाल करते हैं।

कैसे काम करते हैं गिरोह

सोशल मीडिया पर बच्चों की तस्वीरें रैकेटियर्स पहले सिलेक्ट कर लेते हैं। फिर तस्वीरों को मॉर्फ कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर देते हैं। मप्र में बीते साल साइबर पुलिस के पास पहुंची एक शिकायत में किशोरी की रक्षाबंधन की पोस्ट की गई तस्वीर में छेड़छाड़ कर उसका दुरुपयोग किया गया। दूसरी शिकायत में किशोरी ने परिवार से छिपाने मॉल में जाकर शॉर्ट ड्रेस बदली और सहेली के मोबाइल से तस्वीरें लीं। सहेली से अनबन हुई, तो उसने गुस्से में भाई की मदद से तस्वीरों को एडिट कर आपत्तिजनक तस्वीरें पोस्ट कर दी।

क्राय ने भी जारी की रिपोर्ट

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड के 2022 तक के आंकड़ों को ध्यान में रखकर एनजीओ क्राय यानी चाइल्ड राइट्स एंड यू ने भी एक रिपोर्ट फरवरी में जारी की है। इसके मुताबिक, 99 फीसद माता-पिता बच्चों के इंटरनेट कंटेंट और टाइम से अवेयर नहीं हैं। उन्हें लगता है कि उनके बच्चे इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल पढ़ाई का कंटेंट देखने के लिए करते हैं।

साइबर एक्सपर्ट महेश श्रीवास्तव के मुताबिक, हर माह 7-8 केस प्राइवेट जांच के लिए आते हैं। टीनएजर्स प्राइवेट अकाउंट और दूसरों के फोन का भी इस्तेमाल करते हैं। इनका कुछ लोग गलत प्रयोग करते हैं। बच्चों की पार्टी फोटो का भी मिसयूज होता है।

सिखाएं साइबर एटिकेट्स

  • मजबूत पासवर्ड बनाए। दुरुपयोग को रोकने के लिए रेगुलर उसे बदलते रहें।
  • सोशल साइट्स में गोपनीयता सेटिंग्स को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
  • दूसरों के फोन से अपनी तस्वीरें खींचने या पर्सनल चैट करने से बचें।
  • पार्टी आदि की तस्वीरें बिना सिक्योरिटी सोशल मीडिया पर शेयर करने से बचें।
  • अकाउंट हैक या चोरी होने का शक हो तो तुरंत पुलिस और सायबर एक्सपर्ट की मदद लें।
  • बुलिंग के केस में हर चीज का स्क्रीनशॉट लें और अभिभावकों से शेयर करें।
  • यदि कोई आपको-परेशान करता है तो उसे ब्लॉक करें।

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