
छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष और सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक मनोज सिंह मंडावी का निधन हो गया है। मंडावी कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर से कांग्रेस के विधायक थे। वर्तमान में छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष भी थे। चारामा के पास स्थित पैतृक नाथियानवा गांव में मनोज मंडावी का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन
कांग्रेस की संचार इकाई के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि, मंडावी (58) का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। बताया जा रहा है कि, वे शनिवार की रात धमतरी के सर्किट हाउस में रुके हुए थे। रविवार सुबह अचानक उनके सीने में दर्द हुआ। जिसके बाद मनोज मंडावी को धमतरी के अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जताया दुख
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मंडावी वर्ष 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के तथा वर्ष 2013 और 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। मंडावी छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष भी रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनोज सिंह मंडावी आदिवासी समाज के बड़े नेता थे। वे आदिवासियों की समस्याओं को विधानसभा में प्रभावशाली ढंग से रखते थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनका निधन हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है।
आदिवासी समाज के मजबूत नेता माने जाते थे मंडावी
- मनोज सिंह मंडावी भानुप्रतापपुर से विधायक थे। मंडावी को आदिवासी समाज का मजबूत नेता माना जाता था।
- साल 1998 से 2000: मध्य प्रदेश शासन में एससी, एसटी आदिवासी मंत्रणा समिति के सदस्य थे।
- साल 2013: दूसरी बार छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
- साल 2014-15: छत्तीसगढ़ विधानसभास में विशेषाधिकार समिति के सदस्य बने।
- साल 2015-16: गैर सरकारी सदस्यों के विधेयकों औक संकल्प संबंधी समिति के सदस्य बने।
- साल 2017-18: विधान समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समिति के सदस्य बने।
- साल 2018: तीसरी बार छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
- साल 2018-19: सरकारी उपक्रमों संबंधित समिति, पटल पर रखे गए पत्रों के परीक्षण करने संबंधी समिति के सदस्य बने।
- साल 2019-20 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष बने।
- वहीं साल 2020-21 से वे विधानसभा उपाध्यक्ष के साथ ही विशेष आमंत्रित सदस्य भी रहे।