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Chhattisgarh Naxalwad : अमित शाह के चक्रव्यूह में फंसा ‘लाल आतंक’, ऐसे ढेर हुए 31 नक्सली; जानिए एनकाउंटर का पूरा प्लान

नारायणपुर। यह घटना 4 अक्टूबर 2024 को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिलों के बॉर्डर पर हुई एक बड़े ऑपरेशन की है, जिसमें सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन चलाया। इस ऑपरेशन में 500 से ज्यादा जवानों की टीम शामिल थी। मुठभेड़ में जवानों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया और सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं। इसके साथ ही मौके से काफी संख्या में हथियार भी मिले हैं।

इस ऑपरेशन को दंतेवाड़ा जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और विशेष टास्क फोर्स (STF) ने मिलकर अंजाम दिया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 24 अगस्त की बैठक में कहा था कि नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अंतिम चरण में है। हम मार्च 2026 तक देश को पूरी तरह से नक्सलवाद से मुक्त कर देंगे।

ऑपरेशन के मुख्य बिंदु

  • ऑपरेशन दंतेवाड़ा और नारायणपुर के बॉर्डर क्षेत्र में लथुली और नेंदूर इलाकों में हुआ, जो नक्सलियों के गढ़ माने जाते हैं।
  • सर्चिंग के दौरान जवानों को कई खतरनाक हथियार जैसे LMG राइफल, AK-47, SLR, INSAS, 303 राइफल और अन्य हथियार मिले।
  • मुठभेड़ में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के टॉप लीडर जैसे कमलेश, नीति, नंदू, सुरेश सलाम, मलेश, विमला और अन्य प्रमुख नक्सली मारे गए।
  • जवानों ने कई पहाड़ों और नदी-नालों को पार कर नक्सलियों के कोर एरिया में प्रवेश किया और यह ऑपरेशन बारिश के बावजूद जारी रहा।
  • मुठभेड़ में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के लीडर कमलेश, नीति, कमांडर नंदू, सुरेश सलाम, मलेश, विमला सहित कई नक्सली मारे गए है।
  • ऑपरेशन में 31 नक्सलियों को मार गिराया गया और उनके शव बरामद किए गए।
  • इस मुठभेड़ में एक DRG जवान घायल हो गया, जिन्हें रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

ऐसे की ऑपरेशन प्लानिंग

सूत्रों के मुताबिक, जवानों को इस ऑपरेशन के लिए अबूझमाड़ के ओरछा के थुलथुली इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी का पुख्ता इनपुट मिला था। इसके बाद डीआरजी और STF ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन की योजना बनाई। लगातार बारिश के बावजूद जवानों ने पहाड़ों, नदियों और नालों को पार करते हुए थुलथुली-नेंदुर के जंगल पहुंचे। इस बीच नक्सलियों के टॉप लीटर अपनी स्थिति बदलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बारिश की वजह से उन्होंने अपना ठिकाना नहीं बदला। इस दौरान जवानों ने उनका पीछा किया और उन्हें घेरने में सफलता प्राप्त की। जवानों ने नारायणपुर इलाके के बॉर्डर एरिया पर जवानों ने नक्सलियों को चारों तरफ से घेर लिया, फिर जवानों ने फायर खोल दिया। इस एनकाउंटर में बड़े कैडर के नक्सली मारे गए है।

अब तक 189 नक्सलियों के शव बरामद

यह ऑपरेशन इस साल के कई सफल अभियानों में से एक है। 16 अप्रैल को कांकेर जिले में भी एक बड़ा ऑपरेशन चलाया गया था, जिसमें 29 नक्सली मारे गए थे। इस साल अब तक 189 नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं, 663 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि 556 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त भारत : अमित शाह

बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास (23 से 25 अगस्त) के दौरान नक्सल प्रभावित 7 राज्यों की अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक ली थी। इसमें नक्सल सातों राज्यों के मुख्य सचिव, डीजीपी और अर्द्धसैनिक बलों के ऑफिसर शामिल हुए थे। बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सल विरोधी अभियान और विकास कार्यों की समीक्षा की गई थी। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा था कि छत्तीसगढ़में नक्सली मुख्यधारा में शामिल होने के लिए सरेंडर करें या फोर्स की कार्रवाई के लिए तैयार रहे।

केंद्रीय गृहमंत्री ने 24 अगस्त की बैठक में कहा था कि नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अंतिम चरण में है। हम मार्च 2026 तक देश को पूरी तरह से नक्सल समस्या से मुक्त कर देंगे। अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर एक मजबूती के साथ रुथलेस रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए।

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