भोपालमध्य प्रदेश

क्या ये चीता ही है… आवाज सुन लोग बोले- ये तो बिल्ली जैसे म्याऊं बोलता है, VIDEO में सुनें आवाज

भारत का 70 साल का इंतजार शनिवार को खत्म हुआ। नामीबिया से आए 8 चीतों ने मप्र की सरजमीं पर अपने कदम रख दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर तीन चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा। वहीं आज सुबह जैसे ही चीते ग्वालियर होते हुए कूनों पहुंचे और उनका एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ। जिसके बाद सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई।

…अफ्रीका से बड़ी बिल्ली भेज दी

वीडियो में चीता बिल्ली की तरह ही बोल रहे थे। ये वीडियो देखकर लोग कहने लगे ऐसे तो बिल्ली बोलती है। कहीं ऐसा तो नहीं कि अफ्रीका से बड़ी बिल्ली भेज दी गई हो। इसके बाद वीडियो और फोटो के साथ लोग एक से बढ़कर एक मीम्स शेयर कर रहे हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर यूजर्स अलग-अलग तरीके से कमेंट कर रहे हैं।

वायरल हो रहे ये मीम्स

चीता दहाड़ता नहीं…

चीता केट्स यानि बिल्ली फेमिली का सदस्य है। कैट फैमली में बल्ली के अलावा चीता, तेंदुआ, बाघ एवं शेर आते हैं। इनमें सबसे बड़ा शेर होता है। चीता या तो बिल्ली की तरह ही बोलता है या फिर गुर्राता है। इसका कुछ हद तक मुंह भी बिल्ली की तरह ही होता है। इसके चेहरे पर काले रंग की आंसू बहाते हुए धारियां होती हैं। लेकिन चीता दहाड़ता नहीं है।

बड़ी बिल्लियों की 8 प्रजाति: विश्व में बड़ी बिल्लियों की 8 प्रजातियां हैं। जगुआर- प्यूमा सिर्फ अमेरिका में पाए जाते हैं। शेर, बाघ, तेंदुआ, चीता, हिम तेंदुआ व बादली तेंदुआ एशिया व अफ्रीका महाद्वीप में पाए जाते हैं। फिलहाल भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां पर बाघ और शेर दोनों ही पाए जाते हैं।

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फुर्तीला होता है चीता

खासबात ये है कि चीता काफी फुर्तीला होता है और सबसे दौड़ता हैं। इसकी दौड़ने की गति करीब 120 किमी प्रतिघंटा होती है। साथ ही चीते का वजन भी 40 किलो से 54 किलो के बीच में होता है। चीता घास के मैदानों में रहना पसंद करते हैं।

कूनो में चीतों को छोड़ने के बाद पीएम मोदी ने इनकी तस्वीरें भी खीचीं।

तेंदुए से अलग है चीता

चीते के शरीर पर काले धब्बों से उसका नाम चीता पड़ा। नाक के पास पड़ी काली धारियां (टियर लाइन) चीतों को होती हैं। चीते के शरीर पर काले रंग की चित्तियां होती हैं, तेंदुए के शरीर पर पंखुड़ियों जैसे निशान होते हैं। चीता तेंदुए से छोटा होता है। चीते का जबड़ा भी छोटा होता है।

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जानें क्या है चीतों का प्रिय शिकार

बता दें कि चीतों का सबसे प्रिय शिकार चीतल होता है। श्योपुर के जंगलों में चीतल कम है। इसलिए चीतों के भोजन के लिए पेंज रिजर्व से 5 सौ चीतल कूनो लाए जा रहे हैं। पहले चरण में 70 से अधिक चीतल आ चुके हैं। आगामी समय में यहां से और चीतल लाए जाएंगे। हालांकि अभी कुछ महीनों तक चीतों को शिकार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें बाड़ों में ही उनका भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।

PM मोदी ने खींचे फोटो

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70 साल बाद फिर चीते आए भारत

बता दें आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिवस पर मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बाड़े में छोड़ा। देश की धरती पर 70 साल बाद फिर चीते आए। भारत में 1952 में चीतों को विलुप्त घोषित किया गया। इसके बाद भारत सरकार ने नामीबिया से 8 चीते लाए है। सरकार की योजना पांच सालों में 50 चीतों को लाकर अलग-अलग राज्यों में बसाने की है।

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