
मिथिलेश यादव, भोपाल। मध्य प्रदेश में इन दिनों गर्मी कहर बरपाने लगी है। चिलचिलाती धूप और हीटवेव ने जहां लोगों का जीना मुहाल कर दिया है, वहीं जानवर भी इससे कम परेशान नहीं हैं। भीषण गर्मी में पारा लगातार 40 डिग्री के पार होना पक्षियों और जानवरों के लिए घातक हो सकता है। यही वजह है कि भोपाल के वन विहार में इस तीखी तपन से निजात दिलाने के लिए कुछ खास इंतजाम किए गए हैं।
बाघ, तेंदुआ और भालू के लिए कूलर का इंतजाम
वन विहार में तीखी गर्मी से जानवरों और पशु पक्षियों को बचाने के लिए कुछ बेहद खास इंतजाम किए गए हैं. वन विहार का सबसे ज्यादा फोकस यहां रखे गए बाघों, तेंदुओं और भालुओं पर है। इन मांसाहारी जानवरों को तपन से राहत देने के लिए इनके पिंजरों के बाहर कूलर लगा दिए गए हैं। इसके अलावा मांसाहारी जानवरों के बाड़े में बाहर स्पेशल पॉन्ड्स बनाए गए हैं, जिनमें रोज पानी भरा जा रहा है। इसके साथ ही इनके आवास पर खस के पर्दे लगाए गए हैं, जिन्हें समय समय पर गीला किया जाता है, ताकि जानवरों को शीतलता मिलती रहे। इसके अलावा अन्य जानवरों के बाड़ों में छत और चारों तरफ ग्रीन शेड नेट लगा दिए गए हैं। तापमान की निगरानी के लिए सभी बाड़े टेंपरेचर रेगुलेटर से भी लैस हैं।
रेत के टीलों पर हो रही पानी की बौछार
वन विहार प्रबंधन जानवरों के लिए बनाए केज के अंदर के वाटर पॉट का पानी रोज बदल रहा है, वहीं जल पक्षियों जैसे विदेशी प्रजाति के हंस, सारस आदि के एनक्लोजर का पानी गर्मी को देखते हुए दिन में 3 बार तक बदला जाता है। वन विहार प्रबंधन रोज मगरमच्छ के बाड़े में जगह-जगह बनाए गए रेत के टीलों को पानी की बौछार से तर करता है, ताकि इन्हें भी गर्मी से निजात मिल जाए।
पक्षियों के लिए छायादार जगह, घास की जड़ों के पर्दे
गर्मी को देखते हुए पक्षियों को छायादार और ठंडे स्थान पर रखा जा रहा है। इनके पीने के पानी को भी बार-बार बदला जा रहा है। आसपास का तापमान नियंत्रित करने के लिए समय समय पर पानी की बौछार भी की जा रही है। भोपाल वन विहार के असिस्टेंट डायरेक्टर सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि गर्मी के दिनों में वन्य प्राणी के एनक्लोजर के बाहर भी घास की जड़ों के पर्दे बनाकर लगाए गए हैं, जिसे वैज्ञानिक भाषा में विटीविरा जनजीवाइटिक्स कहते हैं। तापमान कम करने के लिए इन पर्दों पर लगातार पानी डालते रहते हैं। इसके अलावा बाघ, भालू और तेदुओं के बाड़ों में बने वाटर पॉन्ड्स के ऊपर वन विहार के अमले ने ग्रीन शेड नेट लगा दिया है, ताकि वहां पानी पीने के लिए आए जानवरों को धूप न लगे।
डाइट में फिलहाल कोई बदलाव नहीं
सिन्हा का कहना है कि गर्मी को देखते हुए वन्यजीवों की डाइट में कोई खास बदलाव नहीं किया जाता है। खासतौर पर शाकाहारी जीवों को हर दिन हरी घास दी जा रही है। गौरतलब है कि वन विहार में मगरमच्छ, बारहसिंघा, जंगली शूकर, चीतल, सांभर, नीलगाय, मंकी, सांप के अलावा 19 टाइगर, 11 तेंदुए और 19 भालू हैं।