धर्म

Chandra Grahan 2022: समाप्त हुआ साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, भारत के कई शहरों में आया नजर; अब जरूर कर लें ये काम

साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण खत्म हो गया है। इसे भारत के कई हिस्सों में देखा गया। भारत में इसका असर 4 बजकर 23 मिनट से शुरू हुआ जो शाम 6 बजकर 19 मिनट पर समाप्त हो गया। यानी कुल मिलाकर ग्रहण का असर 1 घंटे 56 मिनट ही रहा। अब देशभर में मंदिरों के कपाट खोले जाएंगे और विधिवत आरती और पूजा की जाएगी।

भारत के कई शहरों में दिखाई दिया ग्रहण

भारत में अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में पूर्ण ग्रहण के साथ चंद्रोदय सबसे पहले देखा गया। दिल्ली में 5.28 बजे से और मुंबई में 6.01 बजे से चंद्र ग्रहण शुरू हुआ। यह 6.19 बजे खत्म हो गया। इसके अलावा कोलकाता, गुवाहाटी, पटना, पुरी, लखनऊ, रांची और ईटानगर में चंद्र ग्रहण देखा गया। जबकि भोपाल और इंदौर समेत शेष भारत के शहरों में आंशिक तौर पर ही आंशिक चंद्र ग्रहण देखा गया।

चंद्र ग्रहण के बाद ये 5 काम जरूर करें

स्नान सबसे जरूरी

चंद्र ग्रहण खत्म होने के तुरंत बाद स्नान करना चाहिए। स्नान करते समय पानी में गंगाजल मिलाने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों का असर खत्म हो जाता है। स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।

गंगाजल का छिड़काव करें

चंद्र ग्रहण खत्म होने पर घर में गंगाजल का छिड़काव करें। पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें। देवी-देवताओं की प्रतिमाओं पर गंगाजल छिड़कें। ऐसा करने से ग्रहण का नकारात्म प्रभाव खत्म होता है।

गंगाजल को शुद्ध करें

इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि चंद्र ग्रहण के बाद गंगाजल को भी शुद्ध करना होता है। इसके लिए गंगाजल में तुलसी की पत्तियां डाल दें।

दान जरूर करें

चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद दान करना बहुत शुभ माना गया है, विशेष तौर पर तिल और चने की दाल का दान करना। मान्यता है कि तिल और चने का दान करने से जीवन की समस्त मुश्किरों से छुटकारा मिल सकता है।

घर में झाड़ू-पोछा लगाएं

चंद्र ग्रहण के बाद घर में झाड़ू-पोछा जरूर लगाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से ग्रहण की नाकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है।

तस्वीरों में देखें भारत के अलग-अलग शहरों से चंद्र ग्रहण

असम के गुवाहाटी से चंद्र ग्रहण की तस्वीर

पटना से चंद्र ग्रहण की तस्वीर

लखनऊ से चंद्र ग्रहण की तस्वीर

वाराणसी से चंद्र ग्रहण की तस्वीर

चंद्र ग्रहण तीन तरह के होते हैं

पूर्ण चंद्र ग्रहण- पूर्ण चंद्र ग्रहण जैसे की इसके नाम से स्पष्ट होता है कि चंद्रमा का पूरी तरह से ग्रहण। पूर्ण चंद्र ग्रहण की घटना तब होती है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में एक सीधी रेखा में आ जाती है। इस वजह से पृथ्वी की परछाई से चंद्रमा पूरी तरह से ढक जाता है। जिसकी वजह से चंद्रमा पूरी तरह से काला हो जाता है। इसी को पूर्ण चंद्र ग्रहण कहते हैं।

आंशिक चंद्र ग्रहण- आंशिक चंद्र ग्रहण की घटना तब होती है जब पृथ्वी की परछाईं चंद्रमा के पूरे भाग को नहीं ढक पाती है। इस दौरान चंद्रमा के हिस्से में अंधेरा जैसा प्रतीत होता है।

उपछाया चंद्र ग्रहण- उपछाया चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा के बाहरी हिस्से में ही पड़ती है। इससे चंद्रमा सिर्फ थोड़ा सा धुंधला सा हो जाता है। इसी को उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं।

(नोट: यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। हम मान्यता और जानकारी की पुष्टि नहीं करते हैं।)

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