
नई दिल्ली। CBI ने एयर इंडिया के पूर्व सीएमडी, एसएपी इंडिया और मल्टीनेशनल कंपनी आईबीएम के खिलाफ रविवार को आरोप पत्र दायर कर दिया। यह मामला 2011 में एयर इंडिया द्वारा 225 करोड़ रुपए के सॉफ्टवेयर खरीद में हुए भ्रष्टाचार का है। जांच एजेंसी सीबीआई ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की सिफारिश पर यह मामला दर्ज किया है। सीवीसी की जांच में पहली नजर में पाया गया है कि सॉफ्टवेयर की खरीद की प्रक्रिया में कई अनियमितताएं हैं।
6 साल तक चली जांच
लगभग 6 साल तक चली जांच के बाद आखिरकार रविवार को सीबीआई ने एयर इंडिया के पूर्व सीएमडी अरविंद जाधव, आईबीएम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, एसएपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और 6 अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप पत्र दायर कर दिया। हालांकि, एक रोचक तथ्य यह भी है कि अब एयर इंडिया का अधिग्रहण टाटा ने कर लिया है।
बगैर मंजूरी के ही खरीद लिया सॉफ्टवेयर
सीवीसी ने सीबीआई को लिखे पत्र में कहा कि एयर इंडिया के मुख्य सतर्कता अधिकारी की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कंपनी ने प्रॉपर टेंडर प्रोसेस के बगैर ही करोड़ों की खरीद को अंजाम दे दिया था। इसमें कथित तौर पर सॉफ्टवेयर सप्लायर्स की भी मिली भगत शामिल थी। एयर इंडिया ने 2011 में एसएपी एजी से एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) सॉफ्टवेयर सिस्टम खरीदा था। जांच के दौरान ये सामने आया है कि इस संबंध में नागरिक विमानन मंत्रालय से भी कोई मंजूरी नहीं ली गई थी।
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