जबलपुरमध्य प्रदेश

27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण की अधिसूचना के समर्थन में केवियेट दायर

अवमानना याचिका दायर करने पर विचार-विर्मश जारी

जबलपुर। प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने महाधिवक्ता के अभिमत से उच्च न्यायालय में लंबित मामलों को छोड़कर शेष विभाग में ओबीसी वर्ग को शासकीय नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण देने के निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकार के इस निर्णय पर विधि जगत के जुड़े लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया है। सरकार के आदेश के समर्थन में हाईकोर्ट में केविएट दायर की गयी है। वहीं सरकार के आदेश को उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना बताते हुए अवमानना याचिका दायर कर विचार किया जा रहा है।

ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन के अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने सरकार के निर्णय को उचित बताते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने सिर्फ पीजी नीट 2019-20 पीएससी के माध्यम से होने वाली मेडिकल अधिकारियों की नियुक्ति तथा शिक्षक भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर रोक लगाई थी। महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने अगस्त 2020 में अभिमत दिया था कि ओबीसी वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण देकर सिलेक्शन लिस्ट जारी कर सकते हैं। ओबीसी वर्ग के लिए 13 प्रतिशत आरक्षण होल्ड कर 87 प्रतिशत पदों पर नियुक्ति की जा सकती है। होल्ड 13 प्रतिशत नियुक्ति उच्च न्यायालय के आदेश के अधीन रहेगी। यह अभिमत त्रुटिपूर्ण है, जिसमें सुधार करते हुए महाधिवक्ता ने 25 अगस्त को दिए गए अभिमत में कहा है कि उच्च न्यायालय ने जिन याचिकाओं पर स्थगन जारी किए है उन्हें छोड़कर अन्य विभाग में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जा सकता है।

सरकार के आदेश को समर्थन में उन्होंने उच्च न्यायालय में एसोसिएशन की ओर से केविएट दायर की है। इस संबंध में महाधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव से चर्चा करने का प्रयास किया गया परंतु संपर्क नहीं हो सका। अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके वर्मा का कहना है कि सरकार के आदेश पर वह कुछ कहने के लिए अधिकृत नहीं है। इसमें संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव अधिकृत व्यक्ति है।

संबंधित खबरें...

Back to top button