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प्रदेश की 50% सीटों पर पारिवारिक विरासत की पताका फहरा रहे प्रत्याशी

तीन सीटों पर भाजपा और 12 सीटों पर हैं कांग्रेस के उम्मीदवार

भोपाल। मध्यप्रदेश के लोकसभा चुनाव में आधी से अधिक सीटों पर दोनों ही दलों के प्रत्याशी अपनी पारिवारिक राजनीतिक विरासत की ध्वज पताका फहरा रहे हैं। रतलाम में प्रदेश के वन मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी अनीता चौहान, गुना में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और शहडोल सीट पर भाजपा प्रत्याशी सांसद हिमाद्री सिंह के मामले में पारिवारिक विरासत सामने है। कांग्रेस के नकुलनाथ छिंदवाड़ा, कमलेश्वर पटेल सीधी, राव यादवेंद्र सिंह गुना, राजेंद्र मालवीय देवास और गुड्डू राजा बुंदेला सागर सहित 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।

भाजपा के कार्यक्रमों में पीएम नरेंद्र मोदी सहित संगठन प्रमुख इस मुद्दे पर अपनी सख्त राय दे चुके हैं। यही वजह है कि भाजपा ने परिवारवाद के मुद्दे पर कई नेताओं की अगली पीढ़ी को टिकट से नवाजने में परहेज किया। हालांकि कांग्रेस में ऐसे प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा है।

गुना: भाजपा के टिकट पर पहली बार

गुना में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के टिकट पर पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इसके पहले इसी सीट से वह कांग्रेस से सांसद व केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं। उनकी दादी विजयाराजे सिंधिया जनसंघ और भाजपा की संस्थापक सदस्यों में रही हैं।

रतलाम: पति हैं वन मंत्री

रतलाम जैसी आदिवासी बहुल सीट पर कांग्रेस के दिग्गज आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया के खिलाफ भाजपा ने इस बार प्रदेश के वन मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी को उम्मीदवारी सौंपी है। अनीता के रूप में भाजपा ने उच्च शिक्षित चेहरे पर दांव लगाया है।

शहडोल: मां-पिता की विरासत

शहडोल में भी भाजपा प्रत्याशी हिमाद्री अपनी पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ा रही है। वह दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं। उनके पिता कांग्रेस नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री दलबीर सिंह और मां नंदिनी सिंह सांसद रह चुकी हैं।

कांग्रेस में है लंबी फेहरिश्त

कांग्रेस में परिवारवाद की फेहरिश्त लंबी है। इस बार कांग्रेस के सियासी परिवारों के प्रत्याशी एक दर्जन सीटों पर ताल ठोक रहे हैं। राजगढ़ के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह स्वयं 10 साल प्रदेश के सीएम रह चुके हैं। छिंदवाड़ा से नकुल नाथ दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर उनके पिता पूर्व सीएम कमलनाथ 9 बार सांसद रह चुके हैं। सत्यपाल सिंह सिकरवार मुरैना के पिता और भाई-भाभी राजनीति में हैं। अरुण श्रीवास्तव भोपाल, सम्राट सरस्वार बालाघाट, नरेंद्र पटेल खंडवा, सिद्धार्थ कुशवाहा सतना, नीलम मिश्रा रीवा, सहित कमलेश्वर पटेल सीधी, यादवेंद्र सिंह गुना, राजेंद्र मालवीय देवास और गुड्डू राजा बुंदेला सागर से परिवार की सियासी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

काम के आधार पर टिकट

भाजपा में परिवार के सदस्य अपने काम के आधार पर और राजनीतिक आयु से टिकट के दावेदार बनते हैं जबकि कांग्रेस में दावेदार डीएनए के आधार पर आते हैं। – डॉ हितेष वाजपेयी, प्रवक्ता मप्र भाजपा.

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