
भोपाल। जानलेवा कहा जाने वाला कैंसर अब घातक नहीं रहा। मरीजों को हौसले और इलाज की बढ़ती सुविधाओं से कैंसर को हराना पहले के मुकाबले आसान हो गया है। बीते साल करीब 36 हजार से ज्यादा मरीजों ने कैंसर को मात दी। हालांकि यह संख्या अब भी कैंसर से हारने वाले मरीजों से कम है। मप्र में वर्ष 2022 में कैंसर के 81901 मरीजों में 45 हजार से अधिक मरीजों की मृत्यु हो गई थी। फिर भी कैंसर विशेषज्ञों का मानना है कि धीरे धीरे मौत के आंकड़े कम हो रहे हैं। हालांकि अभी सिर्फ यह अनुमान है।
दरअसल कैंसर मरीजों की जानकारी के मप्र में पॉपुलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री तैयार की जाती है। लेकिन इसमें कैंसर के कुल मरीज, कैंसर के अलग अलग प्रकार के मरीजों की संख्या और मृत्यु के आंकड़ों को दर्ज किया जाता है। बचे हुए मरीजों को ठीक हुआ मान लिया जाता है। अब कैंसर से ठीक हुए मरीजों की सटीक जानकारी के लिए प्रदेश में गांधी मेडिकल सहित प्रदेश में छह कैंसर अस्पतालों में हॉस्पिटल बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री का काम शुरू किया गया है।
केस एक : मोहम्मद फारुख खान को गाल का कैंसर था। उन्हें तंबाखू खाने की आदत थी। 2010 में गाल में कैंसर का पता चला। जब अस्पताल पहुंचे तो बीमारी चौथे स्टेज पर पहुंच चुकी थी डॉक्टर ने इलाज शुरू किया। फारुख अब पूरी तरह स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि कैंसर के दौरान इससे लड़ने की ताकत खुद से जुटाई। कैंसर को मात देकर एक चीज सीखी, वो है पॉजिटिविटी और बुलंद हौसलों से हर जंग जीती जा सकती है।
केस दो : सरकारी स्कूल में टीचर शुभांगी श्रीवास्तव को जब पेट में कैंसर का पता चला तो टूट गईं। उस वक्त बेटा आठ महीने का था। बेटे के लिए कैंसर को हराना ही शुभांगी का लक्ष्य हो गया। उन्होंने कैंसर के डर को खत्म किया और पॉजिटिविटी के साथ अपना ट्रीटमेंट कराती रहीं। एक बार ठीक होने के बाद कैंसर दोबारा उभर आया , लेकिन उन्होंले हिम्मत नहीं हारी। अब वे कैंसर पूरी तरह मुक्त हो चुकी है।
पांच साल तक होगी स्टडी
गांधी मेडिकल कॉलेज में कैंसर रजिस्ट्री पर काम करने वाले डॉ अतुल श्रीवास्तव बताते हैं कि हॉस्पिटल बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री में अस्पताल में आने वाले प्रत्येक मरीज का पांच साल तक फॉलोअप किया जाएगा। नियमित अंतराल पर उनकी तबीयत की जानकारी ली जाएगी। अगर पांच साल तक उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती है तो उन्हें कैंसर मुक्त माना जााएगा। 2021 के मरीजों का फॉलोअप शुरू हो गया है, 2025 में ठीक होने वाले मरीजों की सटीक जानकारी मिलेगी।
यह हैं कैंसर के डरावने आंकड़े
आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो वर्ष 2021 में कैंसर मरीजों की संख्या 79871 थी, जो वर्ष 2022 में बढकर 81901 हो गई है। वर्ष 2021 में देशभर में कैंसर मरीजों की अनुमानित संख्या 14 लाख 26 हजार 447 थी, वहीं इस साल इस बीमारी से 7 लाख 89 हजार 202 मरीजों ने जान गंवाई थी। वर्ष 2022 में कैंसर मरीजों की संख्या 14 लाख 61 हजार 427 तो इस साल इस बीमारी से 8 लाख 8 हजार 558 मरीजों ने जिंदगी गंवाई है।
कैंसर के मामले में देश में सातवें नंबर पर मप्र
कैंसर मरीजों की संख्या के मामले में मप्र देश में सातवें नंबर पर है। मप्र में वर्ष 2021 में कैंसर मरीजों की संख्या 79871 थी, जो वर्ष 2022 में 81901 हो गई। देश में सबसे अधिक 210958 मरीज उप्र में हैं। महाराष्ट्र में 121717 तो पश्चिम बंगाल में इस इस साल कैंसर मरीजों की संख्या 113581 है। महिलाओं में कैंसर के मामलों में भी मप्र देश में सातवें पायदान पर है।