ताजा खबरभोपालमध्य प्रदेश

रीडिंग हैबिट्स को बढ़ाने कैंपस में मुहिम, वहीं क्लब्स कर रहे बुक रिव्यू और टॉक

वर्ल्ड बुक डे आज: किताबों और पाठकों के बीच बढ़ाई जा रहीं नजदीकियां

प्रीति जैन- बच्चों और युवाओं को वर्चुअल वर्ल्ड से निकालकर किताबों की दुनिया से जोड़ने के प्रयास शुरू हो चुके हैं, जिसके जरिए किताबें खुद पाठकों तक तो कभी पाठक किताबों तक पहुंच रहे हैं। शहर में यंग थिंकर फोरम, क्लब लिटराटी, स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी, छतनारा व साहित्यिक संस्थाएं लगातार इस तरह के प्रयास कर रही हैं। इसी कड़ी में वर्ल्ड बुक डे के मौके पर नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (एनएलआईयू) में सोमवार को एक अलग ही नजारा देखने को मिला। कैंपस के डायेक्टर से लेकर गार्ड तक सभी रीडिंग करते दिखे। 30 मिनट के लिए यूनिवर्सिटी के सभी कार्य रोक दिए गए और कैंपस को रीडिंग टाइम जोन घोषित किया गया और इस दौरान जो जहां था, उसे वहीं रीडिंग करना थी या लाइब्रेरी या पसंद की जगह पर बैठकर पढ़ना था।

एनएलआईयू में शुरु हुआ ड्रॉप एवरीथिंग एंड रीड कैंपेन

एनएलआईयू में रीडिंग हैबिट्स को बढ़ावा देने के लिए ड्रॉप एवरीथिंग एंड रीड मुहिम शुरू की गई है। इसका मकसद पुस्तकों व पाठकों के बीच की दूरी कम करना है। इसके लिए एक समय पर एक साथ 30 मिनट रीडिंग करना जरूरी होता है, इसमें यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर से लेकर गार्ड तक को शामिल किया गया है। वर्ल्ड बुक डे की पूर्व संध्या पर 30 मिनट के लिए कैंपस को रीडिंग टाइम जोन घोषित किया गया। यहां सेल्फी पॉइंट्स लगाए गए, जिसमें पाठकों को उनकी पसंदीदा पुस्तक, किरदार के बारे में लिखना था। साथ ही यह भी लिखना था कि यदि वह पुस्तक लिखते तो उसका क्या शीर्षक होता। इस मौके पर मोटिवेशनल कोट्स लिखे बुकमार्क भी दिए गए। -मोहित गुप्ता, लाइब्रेरी इंचार्ज

साल में 100 पुस्तकों का सुनते हैं सार

मैंने मैनिट से इंजीनियरिंग करने के बाद यंग थिंकर्स फोरम शुरू किया और तब चुनिंदा स्टूडेंट्स ही बुक रिव्यू के लिए आते थे, साल 2019 में यह शुरुआत की थी, आज हमारे पास युवाओं द्वारा किए जाने वाले बुक रिव्यू का पूरा शेड्यूल है, जिसमें अगले कुछ महीनों की बुकिंग्स चल रही हैं। यह पूरी तरह से निशुल्क कार्यक्रम होता है, जिसमें युवा जो भी स्तरीय पुस्तक पढ़ते हैं, बाकि श्रोता एकत्रित होकर उस पुस्तक का सार सुनते हैं, फिर श्रोता उसके विचार सुनते हैं और अपने सवालजवा ब या उस विषय से जुड़े कोई संदर्भ या उसी विषय पर लिखी किसी पुस्तक पर बात होती है। तो इस तरह पूरे साल में लगभग 100 किताबों की समरी या सार सुनने को मिल जाता है। फिर जिसकी रुचि जागती है, वो उस किताब को पूरा भी पढ़ सकता है। -आशुतोष सिंह ठाकुर, फाउंडर वाईटीएफ

भोपाल शेक्सपियर फेस्ट का आयोजन

शहर में हर हफ्ते बुक टॉक से लेकर बुक रिव्यू जैसे कार्यक्रम होते हैं तो वहीं सलाना कार्यक्रमों में विश्वरंग और भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल के माध्यम से देश ही नहीं विदेशी लेखकों को सुनने व मिलने का मौका मिलता है, जिससे बच्चों व युवाओं में पाठक बनने के गुण विकसित हो रहे हैं। इससे न केवल कलासंस्कृती, सभ्यता, साहित्य, हेरिटेज, पॉलिटिक्स, इकोनॉमी, डिप्लोमेसी व फॉरेन पॉलिसी और इंटरनल सिक्योरिटी जैसे विषयों पर उनकी समझ बढ़ रही है बल्कि उनका व्यक्तित्व विकास भी होता है। इस समय हम क्लब लिटराटी के माध्यम से भोपाल शेक्सपियर फेस्टिवल आयोजित कर रहे हैं, जिसमें शेक्सपियर के नाटकों पर चर्चा से लेकर उनके मंचन तक किए जा रहे हैं। वहीं हमारे ग्रुप के मेंबर्स बच्चों के लिए स्टोरीनामा जैसे सेशन भी लाइब्रेरी में करते हैं। -डॉ. सीमा रायजादा, प्रेसिडेंट, क्लब लिटराटी

संबंधित खबरें...

Back to top button