Hemant Nagle
13 Sep 2025
Aniruddh Singh
13 Sep 2025
Aniruddh Singh
13 Sep 2025
Aniruddh Singh
13 Sep 2025
प्रीति जैन- मोटापा या अधिक वजन की समस्या वैश्विक स्तर पर सभी आयु के लोगों में बढ़ती हुई देखी जा रही है। वजन बढ़ने की स्थिति में कई प्रकार की गंभीर और क्रोनिक बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि अधिक वजन के शिकार लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती है और कार्डियोवैस्कुलर डिसीज से लेकर कई बीमारियां शरीर में अपना घर बना लेती हैं। भोपाल में कुछ ऐसे लोग हैं, जो कि 103 से लेकर 120 किलो वजन तक पहुंच गए थे, लेकिन जब इन्हें अहसास हुआ कि यह मोटापा भविष्य में सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है तो इन्होंने बिना किसी सर्जरी के लाइफस्टाइल और डाइट मोडिफिकेशन करके अपने बढ़े वजन को लगभग 50 किलो तक कम किया और अब मैराथन में भाग ले रहे हैं।
साल 2021 में मेरी पोस्टिंग नर्मदापुरम में थी और उस समय मेरा वजन 104 किलो था। नर्मदापुरम आकर नर्मदा नदी के किनारे मैंने वॉक करना शुरू किया तो तब लगा कि अब बहुत खाना- पीना कर लिया और अब बढ़ा वजन कम करना होगा। मैंने साइकलिंग करना शुरू की और जब स्टेमिना डेवलप होने लगा तो रनिंग करने लगा। मैंने लगातार इसे जारी रखा, जिसका नतीजा यह हुआ कि आज मेरा वजन 75 किलो है और मैंने हाल में टाटा फुल मैराथन 42 किमी पूरी की है। वर्कआउट के साथ डाइट मोडिफिकेशन बहुत जरूरी है। लो ऑइल कुकिंग फॉलो करता हूं, लेकिन शुद्ध घी जरूर खाना हूं। एक वक्त था, जब मैं मोटापे के कारण हांफने लगता था लेकिन आज मैराथन पूरी कर रहा हूं। - रघुवीर सिंह चौहान, ब्रांच मैनेजर, बैंक
साल 2021 में मेरा वजन 120 किलो था। मैं सेहत पर ध्यान नहीं दे पा रहा था। उसी साल मेरी बहन ने मुझे राखी पर साइकिल गिफ्ट की। मेरे परिवार में कार्डियोवैस्कुलर डिसीज की हिस्ट्री रही है तो और भी सतर्क होना पड़ा। जब मैं साइकलिंग ग्रुप न्यू गोल्फर्स से जुड़ा तो बहुत गाइडेंस मिला और अब मैं 1000 किमी तक की यात्रा साइकिल से कर लेता हूं। अब मेरा वजन 78 किलो है लेकिन मेरी हाइट से हिसाब से यह ठीक है। अब तो मैं अपने बर्थ-डे का केक भी नहीं खाता, दोस्त मेरे लिए ढोलका लेकर आते हैं, जिसे केक के रूप में काटता हूं। मैंने फ्रांस में होने वाली साइकलिंग मैराथन से लेकर गोवा आयरनमैन तक जीता है। - शुभेंद्र सिंह, बिजनेसमैन