ताजा खबरधर्म

इस बार 6 दिन की दीपावली : धनतेरस से लेकर भाई दूज तक…जानिए दीपोत्सव के शुभ मुहूर्त

धर्म डेस्क। हिंदू धर्म में दीपावली का विशेष महत्व है। पंचांग के मुताबिक ये बात तो हर कोई जानता है कि हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को यह पर्व मनाया जाता है। यह वही दिन है, जब भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। यह भी मान्यता है कि, इसी दिन देवी लक्ष्मी का आगमन समुद्र मंथन से हुआ था। यही वजह है कि इस उत्सव पर देवी लक्ष्मी को पूजा जाता है।

यह त्योहार पूरे 5 दिनों तक चलता है और हर एक दिन की अपनी एक अलग विशेषता होती है। इतना ही नहीं दीपों के इस पावन पर्व के हर दिन के लिए एक शुभ मुहूर्त भी होता है। इस बार दीपावली का पर्व 10 नवंबर से शुरू होकर 15 नवंबर तक यानी 6 दिनों तक चलेगा और धनतेरस, रूप चौदस और दीपावली तीनों त्योहार दो-दो दिन मनाए जाएंगे। आइए जानते हैं इस बार होने वाले 6 दिवसीय आयोजन के बारे में-

पंच दिवसीय दीपावली कैलेंडर 2023

  • 10 नवंबर 2023 (दिन शुक्रवार)- धनतेरस
  • 11 नवंबर 2023 (दिन शनिवार) – धनतेरस, छोटी दीपावली और नरक चतुर्दशी
  • 12 नवंबर 2023 (दिन रविवार) – रूप चतुर्दशी, दीपावली और लक्ष्मी पूजा
  • 13 नवंबर – दीपावली, लक्ष्मी पूजा
  • 14 नवंबर 2023 – गोवर्धन पूजा (दिन मंगलवार)
  • 15 नवंबर 2023 (दिन बुधवार)- भाई दूज

10 नवंबर को धनतेरस से होगी शुरुआत

कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन धनतेरस का पर्व आता है। इस बार त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। ऐसे में 10 और 11 तारीख को धनतेरस मनाई जाएगी। इस दिन भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। धनतेरस के दिन से दिवाली का त्योहार प्रारंभ हो जाता है। मान्यता है इस तिथि पर आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसी वजह से हर साल धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा निभाई जाती है। कहा जाता है धनतेरस के दिन खरीदे गए सोने-चांदी, बर्तन और अन्य वस्तुओं में कई गुना वृद्धि होती है।

छोटी दीपावली और रूप चतुर्दशी

इस पर्व को नरक चौदस या काली चौदस भी कहते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध कर 16,100 कन्याओं को उसकी कैद से मुक्त कराया था। इस कारण छोटी दीपावली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस बार छोटी दीपावली 11 नवंबर से शुरू होगी और 12 नवंबर की दोपहर तक रहेगी।

दीपावली और लक्ष्मी पूजा

यह तिथि पांच दिवसीय पर्व में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। दीपावली का पर्व भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास की लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इसी दिन मां लक्ष्मी का भी जन्म हुआ था। इसलिए विशेष रूप से इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस साल दिवाली 12 नवंबर, रविवार की दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और 13 नवंबर, सोमवार को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर इसका समापन होगा। ऐसे में इस साल दीपावली दो दिन मनाई जा सकेगी। हालांकि, अधिकांश लोग 12 नवंबर को ही दीपावली का त्योहार मनाएंगे।

ये हैं दीपावली पर लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त

12 नवंबर- लक्ष्मी पूजन (प्रदोष काल) – शाम 05.39 से रात 07.35 तक

लक्ष्मी पूजन (निशिता काल) – 12 नवंबर रात 11:39 से 13 नवंबर सुबह 12:32 तक

सिंह लग्न – 13 नवंबर को प्रात: 12:10 से प्रात: 02:27 तक

गोवर्धन पूजा

इस साल गोवर्धन पूजा 14 नवंबर 2023 को है। गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार गोवर्धन का त्योहार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर मनाया जाता है। इस त्योहार में भगवान कृष्ण के साथ गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा का विधान है। गोवर्धन पूजा में अन्नकूट का खास महत्व होता है। इस दिन 56 व्यंजनों का भोग तैयार कर भगवान कृष्ण को भोग लगाया जाता है, जिसे अन्नकूट कहते हैं।

भाई-दूज

भाई दूज दीपावली पर्व का आखिरी दिन का त्योहार होता है। भाई दूज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार को भाई दूज या भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया कई नामों से जाना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की मनोकामना करती हैं। इस बार यह 15 नवंबर को है।

(नोट: यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। हम मान्यता और जानकारी की पुष्टि नहीं करते हैं।)

धर्म से जुड़ी अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें…

संबंधित खबरें...

Back to top button