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क्या सच में रिजाइन देना चाहते हैं अखिलेश, संसद में अचानक क्यों कही ये बात?

नई दिल्ली। बजट सत्र के चौथे दिन संसद में कन्नौज से सपा सांसद अखिलेश यादव ने सबको चौंका दिया। अखिलेश यादव राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा में शामिल हुए और बोलते-बोलते उन्होनें अपने रिजाइन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर मेरी बात गलत है तो मैं अब अपना रिजाइन देना चाहता हूं। यह कहते हुए उन्होंने स्पीकर ओम बिरला की तरफ अपने हाथ में मौजूद कागजात को आगे कर दिया। जिससरे संसद में सभी सकपका गए।

महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा उठाया

आपको बता दें कि अखिलेश ने आज महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा जोरशोर से उठाया। वे प्रयागराज में हुई व्यवस्था पर सरकार को कोस रहे थे और तंज कस रहे थे कि डबल इंजन सरकार के नाम से तमाम दावे और प्रचार किए गए थे लेकिन अब यही सरकार मृतकों के सही आंकड़े नहीं दे रही है।

मैं रिजाइन देना चाहता हूं…

अखिलेश ने आगे कहा कि दस्तावेज ये बताते हैं कि समय-समय पर जिसकी भी सरकारें रही हैं उसने कुंभ का आयोजन किया। एक तरफ तो यह कहकर कि 144 साल बाद महाकुंभ होने जा रहा है, उसका इतना प्रचार किया और मैंने तो कई टीवी इंटरव्यू, कई समाचार चैनलों पर यह बात सुनी कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया है और अध्यक्ष महोदय, अगर ये बात गलत है तो मैं रिजाइन देना चाहता हूं।

विपक्षी सदस्यों ने लगाए शेम-शेम के नारे

अखिलेश ने कहा कि पहले सरकार ने संत समाज को शाही स्नान रद्द करने का आदेश दिया फिर जब देशभर में यह बात उठाई गई तो उन्होंने आदेश दिया कि अखाड़े स्नान करने के लिए आएं। अखिलेश ने मुहूर्त काल पर जोर दिया और कहा कि हमने वहां देखा कि लोग पुण्य कमाने आए थे और वे अपनों के शव लेकर गए हैं। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने शेम-शेम के नारे लगाए।

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