
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को लोकसभा में आम बजट पेश करेंगी। इस बार बजट में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में वृद्धि और घरेलू मांग को बढ़ावा देने के उपायों की उम्मीद की जा रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार अर्थव्यवस्था की गति को बनाए रखने और निवेश दर को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा सकती है।
बजट तैयारियों का दौर हुआ पूरा
वित्त मंत्रालय ने सितंबर 2024 में आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत विभिन्न हितधारकों और उद्योग जगत से परामर्श प्रक्रिया दिसंबर 2024 से शुरू होकर 6 जनवरी 2025 तक पूरी हो गई। डेलॉइट इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पहली तिमाही के आंकड़े निजी उपभोग में वृद्धि और निवेश गतिविधियों में सुधार दर्शाते हैं। डेलॉइट इंडिया की अर्थशास्त्री रुकी मजूमदार ने कहा कि बजट में घरेलू मांग और निवेश को प्राथमिकता दी जाएगी, क्योंकि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताएं बनी हुई हैं, जिससे शुद्ध निर्यात प्रभावित हो सकता है।
6.5% की औसत वार्षिक जीडीपी वृद्धि का अनुमान
सांख्यिकी मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की पहली अग्रिम वृद्धि दर 6.4% निर्धारित की है। यह वित्त वर्ष 2024 के 8.2% के मुकाबले काफी कम है और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 6.6% अनुमान से थोड़ा कम है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत को वैश्विक विकास का प्रमुख देश माना है और 6.5% की औसत वार्षिक जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है। ओईसीडी ने भी वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.8% और 2026 में 6.9% रहने का अनुमान जताया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मध्यम अवधि में 6.5% या उससे अधिक जीडीपी वृद्धि के लिए निवेश दर (जीएफसीएफ) को 34% और आईसीओआर को 5.2 के करीब बनाए रखना आवश्यक है।
घरेलू मांग और पूंजीगत व्यय पर ध्यान
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत की वृद्धि मुख्य रूप से घरेलू मांग पर निर्भर करती है। सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि निवेश की मांग मजबूत बनी रहे। इसके साथ ही, राज्य सरकारों को भी अपने पूंजीगत व्यय में वृद्धि के लिए प्रोत्साहित करना होगा। डेलॉइट की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चुनाव समाप्त होने के बाद सरकार के खर्चों में वृद्धि देखने को मिल सकती है, जो अगले कुछ तिमाहियों में विकास को समर्थन देगा।
क्या है सरकारी राजस्व और पूंजीगत व्यय की मौजूदा स्थिति
केंद्र सरकार के सकल कर राजस्व (जीटीआर) में अप्रैल-अक्टूबर 2024 के दौरान 10.8% की वृद्धि हुई है। हालांकि, शेष पांच महीनों में बजट लक्ष्य को पूरा करने के लिए 10.9% की वृद्धि की आवश्यकता होगी। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 के पहले सात महीनों में सरकार का पूंजीगत व्यय 14.7% घट गया है। वार्षिक लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार को शेष पांच महीनों में 60.5% की वृद्धि करनी होगी।
ये भी पढ़ें- खाद्य और निर्माण क्षेत्र में वृद्धि के कारण दिसंबर में बढ़कर 2.37% के स्तर पर आई थोक महंगाई
One Comment