लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने करीब डेढ़ माह बाद अपना फैसला पलटते हुए रविवार को अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर का दायित्व सौंपते हुए उन्हें फिर से अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। इसके पहले लोकसभा चुनाव के बीच में ही 7 मई को उन्होंने आकाश आनंद को ‘अपरिपक्व’ करार देते हुए इन दायित्वों से मुक्त कर दिया था।
बैठक के दौरान आकाश आनंद ने बुआ मायावती का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भतीजे के सिर पर प्यार से हाथ रखकर दुलारा और पीठ थपथपाई।
राष्ट्रीय स्तर की बैठक आयोजित
दअरसल, बसपा प्रदेश कार्यालय में पार्टी प्रमुख मायावती ने रविवार को राष्ट्रीय स्तर की बैठक आयोजित की, जिसमें केंद्रीय पदाधिकारियों के अलावा राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए, जिसमें आकाश आनंद भी मौजूद थे। लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद पहली बार आयोजित इस बैठक में अनेक मुद्दों पर गहन समीक्षा की गई।
आकाश को फिर दिया मौका
बैठक के बाद पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया, ”बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आकाश आनंद को पूरी परिपक्वता के साथ पार्टी में कार्य करने के लिए फिर से मौका दिया है। यह पूर्व की तरह ही पार्टी में अपने सभी पदों पर बने रहेंगे। अर्थात यह पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक (कोऑर्डिनेटर) के साथ-साथ मेरे एकमात्र उत्तराधिकारी भी बने रहेंगे।”
7 मई को पदों से हटाया था
इसके पहले लोकसभा चुनाव के दौरान 7 मई की शाम को मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने ‘उत्तराधिकारी’ और पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया था। बसपा प्रमुख ने पिछले वर्ष दिसंबर माह में आकाश आनंद को अपना ‘उत्तराधिकारी’ घोषित किया था और उन्हें हटाने का आश्चर्यजनक फैसला उस वक्त लिया गया जब देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए मतदान संपन्न हो गया।
‘एक्स’ पर पोस्ट कर कही थी ये बात
बसपा प्रमुख ने 7 मई की रात ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए अपने एक संदेश में कहा था, ”बसपा एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के आत्म-सम्मान, स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी आंदोलन है, जिसके लिए कांशीराम जी व खुद मैंने भी अपनी पूरी जिंदगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है।” अपने सिलसिलेवार पोस्ट में मायावती ने कहा, ‘‘इसी क्रम में पार्टी में अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, लेकिन पार्टी व आंदोलन के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।”
आचार संहिता उल्लंघन का दर्ज हुआ था मामला
सीतापुर में एक चुनावी रैली में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में आनंद और चार अन्य के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद ही मायावती ने यह कदम उठाया था। लोकसभा चुनाव में अकेले दम पर मैदान में उतरी बसपा को इस बार राज्य में 80 सीटों में एक भी सीट पर जीत नहीं मिली।
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