
राजीव सोनी-भोपाल। देश की सबसे पुरानी और सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल को निजी कंपनियों के मुकाबले में लाने, 5जी की ट्रायल और टेक्नोलॉजी अपग्रेड करने की रफ्तार धीमी पड़ गई है। मध्यप्रदेश के दूरस्थ गांवों तक 5 हजार से अधिक नए टॉवर/ डिवाइस लगाकर हाई स्पीड 4जी नेटवर्क देने का दावा भी अधूरा साबित हुआ। गांवों एवं भोपाल सहित बड़े शहरों के कस्टमर सुविधा चाह रहे हैं।
बीएसएनएल के सीजीएम राधेश्याम परमार का कहना है कि नई तकनीक के 50 फीसदी टॉवर लग लग चुके हैं। प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के टेरिफ रेट बढ़ने के साथ ही प्रदेश में 6 महीने पहले 3 लाख से अधिक मोबाइल यूजर्स बीएसएनएल से जुड़ गए थे। लेकिन बाद में यह सिलसिला थम गया। अब बीएसएनएल के सीजीएम कार्यालय के आसपास ही नेटवर्क के चलते यूजर्स परेशान हैं।
गुना-शिवपुरी में युद्ध स्तर पर काम : विभागीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के क्षेत्र गुना, शिवपुरी व अशोकनगर में टॉवर बदलने का काम प्राथमिकता और युद्ध स्तर पर चल रहा है। गुना में 210, शिवपुरी में 162 नई तकनीक के टॉवर लगाए जा रहे हैं।
दिसंबर निकल गया, पर हालात सुधरने का नाम नहीं
बीएसएनएल प्रबंधन ने सेवाएं दुरुस्त करने के लिए टाटा, आईटीआई, सी- डॉट और तेजल जैसी स्वदेशी कंपनियों की टेक्नोलॉजी से दिसंबर तक 4-जी कंपलीट करने और 2025 में 5-जी सेवाएं लांच करने का दावा किया था। लेकिन फरवरी 2025 का दूसरा सप्ताह आ गया अब तक 4-जी के टॉवर 50 फीसदी ही लग पाए।
वीवीआईपी क्षेत्रों में भी सेवाओं पर असर
विभागीय सूत्रों का कहना है कि 4-जी सिम कन्वर्ट कर दी गई है लेकिन ‘नो नेटवर्क और काल ड्रॉप’ की समस्या बढ़ गई है। मोबाइल हैंड सेट्स में नई सिम उतनी कारगर साबित नहीं हो रही। मप्र के मंत्रालय वल्लभ भवन और अरेरा हिल्स जैसे वीवीआईपी क्षेत्र में भी मोबाइल यूजर्स इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क की सेवाओं से परेशान हैं।
दिल्ली तक कर चुके शिकायत, समस्या यथावत
आयकर अधिकारी और कर्मचारियों के पास प्रोजेक्ट तरंग के अंतर्गत बीएसएनएल के हजारों कनेक्शन हैं। शिवाजीनगर, अरेरा हिल्स, शाहपुरा और न्यूमार्केट जैसे क्षेत्र में पॉवरफुल नेटवर्क नहीं। आयकर विभाग के दोनों भवनों में नेटवर्क की समस्या बनी हुई है। हम लोग दिल्ली तक शिकायत कर चुके लेकिन समस्या नहीं सुलझी। – महेंद्र सिंह ठाकुर, महासचिव आयकर कर्मचारी महासंघ मप्र-छग.
50 फीसदी काम हुआ, सेवाएं जल्द सुधरेंगी : सीजीएम
मोबाइल यूजर्स की शिकायतें तो हैं लेकिन 4-जी टॉवर्स तेजी से लग रहे हैं। अभी 50 फीसदी काम हो गया। अगले 2-3 महीने में स्थिति बेहतर हो जाएगी। प्रदेश में हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट(4जी) सुविधा के लिए नई तकनीक पर काम तेजी से चल रहा है। – राधेश्याम परमार, मुख्य महाप्रबंधक बीएसएनएल मप्र.