इंदौर/जबलपुर। इंदौर में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) को हटाने का रास्ता साफ हो गया है। जबलपुर हाईकोर्ट ने इसको लेकर फैसला सुना दिया है। हालांकि, अभी तक फैसले की आधिकारिक प्रति सामने नहीं आई है, लेकिन प्रशासन ने इसे हटाने की तैयारी शुरू कर दी है। इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि शुक्रवार से बस लेन हटाने का काम शुरू हो जाएगा।
सीएम डॉ. मोहन यादव बोले- यातायात में होगी सुविधा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पहले ही इंदौर बीआरटीएस को लेकर असंतोष जताया था। उन्होंने कहा था कि इससे लोगों को असुविधा हो रही है, इसलिए इसे हटाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि जैसे भोपाल में बीआरटीएस हटाने से ट्रैफिक सुगम हुआ, वैसे ही इंदौर में भी इसे हटाने से यातायात व्यवस्था बेहतर होगी।
इंदौर में बीआरटीएस 11.5 किमी
इंदौर में 2013 में बीआरटीएस शुरू किया गया था, जो निरंजनपुर से राजीव गांधी प्रतिमा तक 11.5 किमी लंबा है। इस प्रोजेक्ट पर करोड़ों रुपए खर्च हुए थे, लेकिन शुरू से ही यह विवादों में रहा। इसके चलते कई जगह सड़कें संकरी हो गईं, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती थी। एलआईजी से व्हाइट चर्च रोड तक सड़क की चौड़ाई कम होने के कारण यहां ट्रैफिक बॉटलनेक बन गया था।
याचिकाओं पर हाईकोर्ट का फैसला
बीआरटीएस को लेकर दो जनहित याचिकाएं इंदौर हाईकोर्ट की खंडपीठ में लगी थीं, जिन्हें बाद में जबलपुर हाईकोर्ट स्थानांतरित किया गया था। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बीआरटीएस हटाने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने पहले भी 2013 में इसकी उपयोगिता जांचने के लिए कमेटी गठित की थी। हाल ही में फिर से एक 5 सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी, जिसमें आईआईएम और आईआईटी के विशेषज्ञ शामिल थे।
बीआरटीएस हटाने से क्या बदलेगा
बीआरटीएस हटाने से सड़क चौड़ी हो जाएगी, जिससे ट्रैफिक जाम कम होगा। इसके अलावा, फ्लाईओवर और ब्रिज निर्माण में आ रही बाधाएं दूर होंगी। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की नई योजनाओं को लागू करने में आसानी होगी। निजी वाहनों को ज्यादा स्पेस मिलेगा, जिससे शहर का यातायात बेहतर होगा।
भोपाल में पहले ही हटाया जा चुका है बीआरटीएस
इंदौर प्रदेश का इकलौता शहर था जहां बीआरटीएस चालू था। इससे पहले भोपाल में भी बीआरटीएस लागू किया गया था, लेकिन असफलता के कारण उसे हटा दिया गया। वहां इस प्रोजेक्ट पर करीब 360 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
जल्द ही बस लेन हटाने का काम होगा शुरू- महापौर
इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि चूंकि सभी पक्ष बीआरटीएस हटाने के लिए सहमत थे, इसलिए इस पर कोई कानूनी अड़चन नहीं आई। प्रशासन शुक्रवार से बस लेन हटाने का काम शुरू करेगा और जल्द ही ट्रैफिक व्यवस्था को नया रूप देने की योजना बनाई जाएगी।
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