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Delhi Excise Policy Case : के.कविता की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ी, मार्च में हुई थी गिरफ्तारी, बोलीं- मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश…

नई दिल्ली। तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटी और BRS विधायक के.कविता की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दिल्ली शराब नीति केस में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप को लेकर ED ने उन्हें 15 मार्च को गिरफ्तार किया था। 8 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें ED की कस्टडी में रखा गया था। फिर 9 अप्रैल (मंगलवार) यानी आज तक उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। कोर्ट से बाहर आने के बाद के. कविता ने कहा कि मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश की जा रही है।

14 दिन और बढ़ा के कविता की कस्टडी

के. कविता की कस्टडी को लेकर कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने उनकी रिमांड 14 दिन के लिए बढ़ा दी है। ईडी ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान के. कविता को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है। इतना ही नहीं उन्होंने गवाहों को भी प्रभावित करने की कोशिश की है।

के. कविता ने जज को लिखा पत्र

ईडी के बाद के. कविता ने जज से बात कर अपनी बात रखने की मांग की, लेकिन कोर्ट ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। इसके बाद उन्होंने जज को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनका आबकारी नीति मामले से कोई लेना-देना नहीं है।
के. कविता ने कोर्ट से आगे कहा- मैडम जस्टिस ईडी और सीबीआई के विपक्षी पार्टी के नेताओं पर 95 फीसदी मामले हैं। जब ये लोग बीजेपी में शामिल हो जाते हैं तो जांच अचानक बंद हो जाती है।

साउथ ग्रुप‘ से जुड़ी होने का आरोप

दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में एक आरोपी अमित अरोड़ा ने पूछताछ के दौरान कविता का नाम लिया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि ‘साउथ ग्रुप’ नाम की एक शराब लॉबी थी, ईडी ने दावा किया था कि कविता शराब कारोबारियों की लॉबी ‘साउथ ग्रुप’ से जुड़ी हुई थी। उन्होंने अन्य कारोबारियों के जरिए दिल्ली में AAP सरकार के नेताओं को 100 करोड़ रुपए का भुगतान किया।

कविता के पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी किया था गिरफ्तार

इससे पहले के. कविता ने अपने पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट बुचिबाबू गोरंटला और अरुण रामचंद्र पिल्लई का लिखित बयान जारी किया था, जो नायर और अन्य के साथ विभिन्न बैठकों में उनके साथ जाते थे। केंद्रीय जांच बोर्ड ने बुचिबाबू को फरवरी में गिरफ्तार किया था, जबकि पिल्लई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल मार्च में गिरफ्तार किया था। ED को दिए बयान में बुचिबाबू ने माना था कि के. कविता की दिल्ली  के सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया के साथ राजनीतिक गठजोड़ था। बुचिबाबू ने यह भी माना था कि कविता मार्च 2021 में विजय नायर से मिली थीं।

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली में केजरीवाल की सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। नई शराब नीति लागू करने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और शराब की पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई। नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार का रेवेन्यू में बढ़ेगा। नई नीति से रेवेन्यू में 1500-2000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई थी।

नई पॉलिसी में कहा गया था कि दिल्ली में शराब की कुल दुकानें पहले की तरह 850 ही रहेंगी। हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही। जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी। मामले में सीबीआई को जांच ट्रांसफर दी गई। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एंगल आने पर इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हो गई। उसके बाद से AAP के कई सीनियर नेता और उनके करीबी सहयोगी जांच एजेंसी के निशाने पर आ गए।

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