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थ्रिफ्ट स्टोर के जरिए चेरिटी और कुछ बचत दोनों का होता है इंतजाम

नेशनल थ्रिफ्ट डे आज: ऑनलाइन स्टोर्स से शेयर करते हैं पुराने सामान की जानकारी

थ्रिफ्टिंग का मतलब आसान तरीके से समझे तो किसी थ्रिफ्ट स्टोर, गेराज सेल में खरीदारी करना होता है जहां लोगों को रियायती कीमतों पर आसानी से उपयोग की जाने वाली वस्तुएं मिलती है। विदेशों में यह चलन काफी समय से रहा है लेकिन अब बड़े शहरों में थ्रिफ्ट स्टोर्स ऑनलाइन और ऑफलाइन भी शुरू हो रहे हैं। इसमें खासतौर पर वो चीजें भी शामिल होती है जो कि किसी के लिए गैर-जरूरी तो के लिए इस्तेमाल में आने वाली हैं।

इसमें अच्छी स्थिति वाले पुराने कपड़ों से लेकर घरेलू सामान, फर्नीचर, बुक्स, यूटिलिटी प्रोडक्ट्स और फैशन एक्सेसरीज तक लोग बेचते हैं। 17 अगस्त को नेशनल थ्रिफ्ट डे मनाया जाता है कि ताकि लोग अच्छी स्थिति वाले पुराने सामान को खरीदें और अपसाइकिलिंग करके उसे दोबारा इस्तेमाल करें और इससे कुछ बचत भी हो सके। इसके अलावा चेरिटी के लिए भी यह काम किया जाता है।

थ्रिफ्ट स्टोर्स की बढ़ रही पॉपुलेरिटी

थ्रिफ्ट स्टोर्स को धीरे-धीरे पॉपुलेरिटी मिल रही है और लोग इन्हें पसंद कर रहे हैं। मेट्रोज में यह शुरू हो चुके हैं। भोपाल में कुछ मेलों और इंस्टाग्राम के जरिए थ्रिफ्ट स्टोर्स शुरू किए गए हैं, लेकिन अभी लोगों को इनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। ज्यादातर इन ऑनलाइन स्टोर्स पर कॉलेज स्टूडेंट्स अपना सामान पोस्ट करते हैं ताकि जो चीज उनके काम की नहीं है वो कोई नया स्टूडेंट ले सकें। स्टूडेंट्स द्वारा इंडक्शन, केतली, वॉटर हीटर, वॉटर फिल्टर, फर्नीचर, स्टडी टेबल और एक्सेसरीज की फोटो कीमत के साथ शेयर की जाती है। जिन्हें उनकी जरूरत होती है, वो संबंधित व्यक्ति से संपर्क कर लेते हैं। थ्रिफ्ट स्टोर और रिटेल स्टोर में अंतर यह होता है कि थ्रिफ्ट स्टोर में पुराने सामान को रिफर्निश करके बेचा जाता है। वहीं थ्रिफ्ट स्टोर में रिटर्न स्वीकार नहीं होते। इसके अलावा यह स्टोर्स दान की गईं वस्तुओं को बेचकर चैरिटी में भी डोनेट करते हैं।

थ्रिफ्ट मार्केट की जगह बने

थ्रिफ्ट स्टोर जैसा कंसेप्ट भोपाल में आता है तो अच्छा होगा क्योंकि लोगों के पास बहुत सारा ऐसा सामान इकठ्ठा हो जाता है जिसकी उन्हें जरूरत नहीं होती और वो घर में रखेरखे पुराना हो जाता है। वीकली किसी जगह पर थ्रिफ्ट मार्केट लगना चाहिए। -सुनील अवसरकर, हेल्पबॉक्स

चेरिटी में दिया था सामान

मेरा जब ट्रांसफर हुआ था तो मेरे पास बहुत सारा ऐसा सामान था जो मुझे दूसरी जगह ले जाने की जरूत नहीं थी तो मैंने चेरिटी स्टोर पर उसे दे दिया ताकि इससे किसी की मदद हो जाए। -सन्नी शर्मा, बैंककर्मी

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