मुंबई। हिंदी फिल्मों की मशहूर अदाकारा फर्रुख जाफर का 89 साल की उम्र में निधन हो गया। शुक्रवार की शाम सात बजे उन्होंने लखनऊ के सहारा अस्पताल में अंतिम सांस लीं। उनकी बड़ी बेटी मेहरू जफर ने उनके निधन की पुष्टि की है। कुछ दिन पहले तबीयत खराब होने, सांस लेने में दिक्कत होने और सर्दी-जुकाम व जकड़न होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फारुख जफर को फिल्म ‘गुलाबो सिताबो’ के लिए जाना जाता है।
सांस लेने में हो रही थी दिक्कत
फारुख जफर की बेटी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘सांस लेने में दिक्कत के चलते उन्हें 4 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह ठीक नहीं थीं। उनके फेफड़े उस वक्त ऑक्सीजन लेने में असमर्थ थे जो उन्हें दी गई थी। शाम को करीब 6 बजे उनका निधन हो गया।‘
नाती ने किया ट्वीट
फारुख जफर के नाती शाज अहमद ने ट्विटर पर लिखा कि मेरी नानी और स्वतंत्रता सेनानी, पूर्व एमएलसी एसएम जफर की पत्नी और दिग्गज अभिनेत्री फारुख जफर का आज शाम लखनऊ में निधन हो गया।
विविध भारतीय एनएसडी और फिर सेल्युलाइड तक
फारुख जफर ने 1963 में लखनऊ विविध भारती में रेडियो एनाउंसर्स के तौर पर अपने करियर की शुरूआत की थी। नेशनल स्कूल आफ ड्रामा में वह शाम को क्लास करती थीं। लखनऊ में थियेटर करती थीं। एनएसडी से कोर्स करने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय मंच पर अल्काजी के निर्देशन में इटैलियन नाटक सिक्स कैरेक्टर्स इन सर्च ऑफ एन आथर में एक अहम किरदान निभाया।
फिल्म करियर
1981 में फिल्म ‘उमराव जान’ के साथ उन्होंने पर्दे पर अपनी यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने रेखा की मां की भूमिका निभाई थी। उन्होंने आमिर खान की फिल्म ‘पीपली लाइव’ और शाहरुख खान के साथ ‘स्वदेस’ में भी काम किया था। इसके अलावा ‘सुल्तान’ में भी नजर आई थीं। ‘गुलाबो सिताबो’ में फातिमा बेगम उनके यादगार किरदार में से था। वह अमिताभ बच्चन की पत्नी के रोल में थीं। 28 मार्च 2021 को उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गया।