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भाजपा की अनुशासन समिति विधायक पटेल से खफा

बैठक में पूर्व विधायक शेखावत सहित चुनावी ''सेबोटेज '' की शिकायतों पर कार्रवाई संबंधी निर्णय

भोपाल। लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार हुई मध्यप्रदेश भाजपा अनुशासन समिति की बैठक में मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल से लेकर पूर्व विधायक दिलीप शेखावत सहित कई मामलों पर चर्चा की गई। चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे क्षेत्रीय नेताओं के मामले भी समिति के सामने रखे गए। अतिक्रमण हटाने जेसीबी लेकर पहुंचे मऊगंज विधायक पटेल को प्रशासन ने नजरबंद करना पड़ा। पूर्व में अधिकारी को दंडवत करने के मामले में भी उन्हें संगठन ने पार्टी लाइन पर चलने की हिदायत दी थी।

प्रदेश अनुशासन समिति के सदस्यों ने बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में नए-पुराने कई मामलों पर चर्चा की। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मऊगंज विधायक पटेल के मामले पर भी समिति ने संज्ञान लेकर विचार विमर्श किया। पटेल को पूर्व में भी संगठन ने पार्टी लाइन और अनुशासन संबंधी हिदायत दी थी। हाल ही में वह अपने क्षेत्र में मंदिर से लगी जमीन का अतिक्रमण हटाने के लिए स्वयं ही जेसीबी लेकर जा पहुंचे। उनके इस बर्ताव पर जिला प्रशासन को उनके खिलाफ नजरबंद की कार्रवाई तक करना पड़ी। प्रदेश में सत्ताधारी दल के विधायक के साथ इस तरह की कार्रवाई का यह पहला मामला है।

शेखावत का मामला पेंडिंग

इसी तरह पूर्व विधायक दिलीप शेखावत के खिलाफ अनुशासन समिति में मामला विचाराधीन है। उन पर आरोप है कि नागदा खाचरोद विधानसभा चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ काम किया। इस मामले में समिति ने जिला इकाई से भी रिपोर्ट तलब की है। ऐसे अन्य लोगों पर समिति पूर्व में भी कार्रवाई कर चुकी है। विधायक के संबंध में केंद्रीय समिति से भी राय-मशविरे के बाद कार्रवाई तय की जाएगी।

पार्टी का इंटरनल मामला : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शर्मा ने ‘पीपुल्स समाचार’ को बताया कि अनुशासन समिति की बैठक पूरी तरह पार्टी का इंटरनल मामला है। शिकायतों पर समिति सदस्यों ने चर्चा की।

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