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पहली बार के मंत्री-विधायकों को कामकाज के टिप्स सिखाएगी भाजपा, भोपाल में होगा प्रशिक्षण

संसद सत्र के बाद सीनियर मंत्री और विषय विशेषज्ञ देंगे ट्रेनिंग

भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा संगठन ने पहली बार चुन कर आए मंत्रीवि धायकों को कामकाज संबंधी ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की है। सभी विधायकों को विकास कार्यों को लेकर शासन-प्रशासन के साथ किस तरह समन्वय बनाना है इसका व्यावहारिक प्रशिक्षण देने की तैयारी है। सीनियर मंत्रियों द्वारा पहली बार के मंत्रियों को सिस्टम की बारीकियों के साथ ब्यूरोक्रेसी के साथ काम करने के तौर-तरीके भी सिखाए जाएंगे।

प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में सत्ता-संगठन के नेताओं ने इस विषय पर विचार विमर्श किया था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पहली बार के विधायकों को उनके क्षेत्र के विकास कार्यों की मॉनिटरिंग और फॉलोअप के बारे में जानकारी दी जाएगी। इससे क्षेत्र में उनका परफॉर्मेंस भी दिखेगा और काम की गति भी बनी रहेगी। विधानसभा में इस बार सभी दलों के कुल 68 नए चेहरे चुनकर आए हैं। इनमें भाजपा के 44 विधायक हैं। विधायकों को सदन की कार्रवाई भी सिखाई जाएगी।

मानसून सत्र के बाद प्रशिक्षण

संसद सत्र के बाद प्रशिक्षण दिए जाने की तैयारी है। भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति बैठक में जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण का मुद्दा उठा था। इस दौरान यह भी कहा गया कि क्षेत्र में विकास कार्यों की धीमी रफ्तार के चलते विधायक की छवि भी प्रभावित होती है। चुनाव के समय इसका नुकसान पार्टी को भी उठाना पड़ता है। इसलिए मंत्रियों को विभागीय कामकाज और बजट आदि की बारीकियां समझाई जाएंगी। विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों को भी बुलाया जाएगा।

ये हैं पहली बार के मंत्री

सीएम डॉ यादव के मंत्रिमंडल में कुल 13 सदस्य ऐसे हैं जो पहली बार के मंत्री हैं। इनमें निर्मला भूरिया, नागर सिंह चौहान, चेतन्य काश्यप, धर्मेंद्र लोधी, दिलीप जायसवाल, नरेंद्र शिवाजी पटेल, संपतिया उईके, गौतम टेटवाल, लखन पटेल, नारायण पवार, राधा सिंह, प्रतिमा बागरी और कृष्णा गौर।

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