पीपुल्स संवाददाता, इंदौर। कांग्रेस नेताओं पर दर्ज एफआईआर का विरोध दर्ज कराने इंदौर पहुंचे पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने शासन पर भेदभावपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं व नेताओं पर साधारण दर्ज मामलों में उन्हें जिलाबदर किया जा रहा है, जबकि जो आदतन अपराधी हैं, गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। शासकीय भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ अभियान में भी शक्ल देखकर कार्रवाई की जा रही है। भाजपा सरकार में माफियाओं और अपराधियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।
गरीब चूड़ीवाले के खिलाफ हुई साजिश
चूड़ीवाले केस में भी दिग्विजय ने पक्ष लेते हुए कहा कि जो गरीब चूड़ी बेचने वाला था, उसके पैसे छीन लिए गए और उसके खिलाफ घटना के 24 से 36 घंटे बाद एक नाबालिग बच्ची से एफआईआर करवा दी। जो बीचबचाव के लिए गए, प्रशासन के आग्रह पर गए, उन पर केस लगाकर जिलाबदर के आदेश दे दिए।
कृषि कानून, महंगाई से देश प्रभावित
उन्होंने कहा कृषि कानून से न केवल किसानों, बल्कि मजदूरों और उपभोक्ताओं का भी नुकसान है। किसान सम्मान योजना के तहत किसानों को हर साल 6 हजार की निधि दी जाती है, लेकिन डीजल, खाद, दवाओं के दाम बढ़ते जा रहे हैं। कृषि उपज के भाव घट रहे हैं। सोयाबीन की फसल आने के बाद भी इम्पोर्ट शुरू कर दिया। इम्पोर्ट ड्यूटी घटा दी। सरकार के खिलाफ अब हम और आक्रामक रवैया अपनाएंगे।
शिशु मंदिर के अपने बयान पर सिंह बोले कि मैं सद्भाव को बिगाड़ने वाली विचारधारा के खिलाफ हूं। मेरे पास अनेक ऐसे वीडियो हैं, जिसमें पुराने आरएसएस प्रचारक ये बात कर रहे हैं, इसलिए मैंने जो कुछ कहा, तथ्यों के आधार पर कहा है। पंजाब में कांग्रेस के हालात पर कहा कि भाजपा चेंज करती है तो मास्टर स्ट्रोक और कांग्रेस चेंज करती है तो अव्यवस्था।
मोदी ने वादे तो पूरे किए नहीं, उलटे हालात बिगड़ते जा रहे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी कर देंगे। दोगुनी तो छोड़ो, हालात बहुत बिगड़ते चले जा रहे हैं। 10 महीने से ज्यादा हो गए, सभी राज्यों से लोग आकर कृषि आंदोलन में धरना दे रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री को फुरसत नहीं है। इन सब बातों को लेकर हम जनता के बीच जा रहे हैं। जीवन बीमा कंपनियों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। पीएम केयर फंड पर भी सवाल उठाते हुए दिग्विजय ने कहा कि इसका ऑडिट होना चाहिए।
उपचुनावों में सरकार को नुकसान होगा
प्रदेश में तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव पर उन्होंने कहा कि इस उपचुनाव से सरकार को धक्का जरूर लगेगा, क्योंकि लोगों की सरकार से जो नाराजी दमोह में भी थी, वही नाराजगी इन चारों सीटों पर है। नतीजे 2 नवंबर को बताएंगे। प्रदेश में मुख्यमंत्री परिवर्तन निश्चित रूप से हो रहा है और होगा।