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देश की राजनीति की तस्वीर : आधे से ज़्यादा मंत्री आपराधिक मामलों में आरोपी, 174 पर मर्डर-रेप जैसे गंभीर आरोप; ADR रिपोर्ट में खुलासा

AI जनरेटेड सारांश
    यह सारांश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा तैयार किया गया है और हमारी टीम द्वारा रिव्यू की गई है।

    नई दिल्ली। भारत में राजनीति और अपराध का रिश्ता एक बार फिर सुर्खियों में है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ताज़ा रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, देशभर के 643 मंत्रियों में से 302 मंत्री (करीब 47%) आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। इनमें से कई पर हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोप भी शामिल हैं।

    मंत्री और अपराध: चौंकाने वाले आंकड़े

    • कुल 302 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज।
    • इनमें से 174 मंत्री गंभीर अपराधों में आरोपी।
    • केंद्रीय मंत्रिपरिषद के 72 मंत्रियों में से 29 (40%) ने अपने खिलाफ केस होने की बात स्वीकार की है।

    किस पार्टी की स्थिति कैसी?

    रिपोर्ट बताती है कि यह समस्या किसी एक पार्टी तक सीमित नहीं है। लगभग सभी बड़ी पार्टियों के मंत्री आपराधिक मामलों में आरोपी हैं।

    भाजपा (BJP): 336 मंत्रियों में से 136 (40%) आरोपी, 88 पर गंभीर आरोप।

    कांग्रेस: 61 मंत्रियों में से 45 (74%) पर केस, 18 पर गंभीर अपराध।

    DMK: 31 में से 27 (87%) आरोपी, 14 पर गंभीर केस।

    TMC: 40 में से 13 पर केस, 8 पर गंभीर अपराध।

    तेदेपा (TDP): 23 में से 22 (96%) आरोपी, 13 पर गंभीर आरोप।

    AAP: 16 में से 11 (69%) पर केस, 5 पर गंभीर अपराध।

    किन राज्यों में सबसे ज्यादा क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले मंत्री?

    11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 60% से अधिक मंत्री अपराधी पृष्ठभूमि वाले हैं। इनमें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और पुडुचेरी शामिल हैं।

    दूसरी ओर हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, नागालैंड और उत्तराखंड ऐसे राज्य हैं जहां किसी भी मंत्री पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।

    करोड़ों में खेल: मंत्रियों की संपत्ति का हाल

    रिपोर्ट में मंत्रियों की संपत्ति का भी विश्लेषण किया गया।

    सभी 643 मंत्रियों की कुल संपत्ति ₹23,929 करोड़ है।

    औसतन हर मंत्री के पास ₹37.21 करोड़ की संपत्ति है।

    11 विधानसभाओं में अरबपति मंत्री मौजूद हैं।

    सबसे अमीर मंत्री

    डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी (TDP, आंध्र प्रदेश) – ₹5,705 करोड़।

    डीके शिवकुमार (कांग्रेस, कर्नाटक) – ₹1,413 करोड़।

    एन. चंद्रबाबू नायडू (TDP, आंध्र प्रदेश) – ₹931 करोड़।

    सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री

    शुक्ला चरण नोआतिया (त्रिपुरा, IPFT) – ₹2 लाख।

    बीरबाहा हंसदा (पश्चिम बंगाल, TMC) – ₹3 लाख से थोड़ी ज्यादा।

    महिला सांसदों-विधायकों की स्थिति

    ADR ने हाल ही में महिला नेताओं पर भी रिपोर्ट जारी की थी। इसमें बताया गया कि देश की 512 महिला सांसदों और विधायकों में से 143 (28%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 78 पर हत्या और किडनैपिंग जैसे गंभीर आरोप हैं।

    ADR क्या है और क्यों करती है यह अध्ययन?

    • एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) एक NGO है जिसकी स्थापना 1999 में IIM अहमदाबाद के प्रोफेसरों और छात्रों ने की थी।
    • इसका मकसद राजनीति और लोकतंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है।
    • ADR चुनावों से पहले उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण कर जनता को बताता है कि उनके नेता किस पृष्ठभूमि से आते हैं।

    रिपोर्ट क्यों अहम है?

    यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री गंभीर अपराधों में 30 दिन से अधिक जेल में रहता है, तो उसे पद छोड़ना होगा। ADR की स्टडी इस बहस को और तेज कर रही है कि राजनीति से अपराधियों को कैसे दूर रखा जाए।

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    Manisha Dhanwani
    By Manisha Dhanwani
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